किसानों और आम आदमी के हित में सरकार ने लिए अहम फैसले, जानें यहां सबकुछ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार शाम कैबिनेट और कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की बैठक हुई.

Update: 2021-10-13 03:31 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार शाम कैबिनेट और कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) की बैठक हुई. इस बैठक में सरकार ने किसानों और आम आदमी के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. किसानों के हित में सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए फास्पेटिक और पोटाशिक फर्टिलाइजर के लिए न्यूट्रिशन बेस्ड सब्सिडी (NBS) रेट को मंजूरी दी. वहीं रबी 2021-22 के लिए 28,655 करोड़ रुपये की सब्सिडी की घोषणा की.

इसके अलावा, कैबिनेट ने नवीकरण और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन – अमृत 2.0 (AMRUT 2.0) को 2025-26 तक के लिए मंजूरी प्रदान कर दी. कैबिनेट में सैनिक स्कूल सोसायटी के नाम से एप्लिएटेडे सैनिक स्कूल खोलने का फैसला लिया गया.
अटल मिशन अमृत 2.0 को मंजूरी
अटल मिशन (अमृत 2.0) का मकसद आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम के रूप में और पानी की चक्रीय अर्थव्यवस्था के जरिए शहरों को जल सुरक्षित एवं आत्मनिर्भर बनाना है. इसमें कहा गया है कि अमृत 2.0 के लिए कुल सांकेतिक परिव्यय 2,77,000 करोड़ रुपये है तथा इसमें वित्त वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक पांच वर्षों के लिए 76,760 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा शामिल है.
अमृत ​​2.0 का लक्ष्य सभी 4,378 सांविधिक कस्बों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करके पानी की आपूर्ति का सार्वभौमिक कवरेज हासिल करना है. 500 अमृत शहरों में घरेलू सीवर/सेप्टेज प्रबंधन का 100 प्रतिशत कवरेज लक्षित. मिशन का लक्ष्य 2.68 करोड़ नल कनेक्शन और 2.64 करोड़ सीवर/सेप्टेज कनेक्शन प्रदान करना है ताकि अपेक्षित परिणाम मिलें.
सैनिक स्कूल सोसाइटी के साथ सरकारी और निजी क्षेत्र के 100 स्कूल खुलेंगे
सैनिक स्कूलों के मौजूदा पैटर्न में प्रतिमान विस्थापन करते हुए कैबिनेट ने सैनिक स्कूल सोसाइटी, रक्षा मंत्रालय के साथ सम्बद्ध होने वाले विद्यालयों को लॉन्च करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी. ये विद्यालय रक्षा मंत्रालय के मौजूदा सैनिक स्कूलों से विशिष्ट और अलग होंगे. पहले चरण में 100 सम्बद्ध होने वाले भागीदारों को राज्यों/एनजीओ/निजी भागीदारों से लिया जाना प्रस्तावित है.
इस योजना से शिक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक/निजी सहभागिता को बल मिलेगा जिससे प्रतिष्ठित निजी और सरकारी स्कूलों में उपलब्ध मौजूदा अवसंरचना का लाभ उठाने में मद्द मिलेगी और सैनिक स्कूल परिवेश में शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक बच्चों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नई क्षमताओं का विकास होगा.
अकादमिक वर्ष 2022-23 की शुरुआत से तकरीबन 5,000 छात्रों के कक्षा-VI में ऐसे 100 संबद्ध स्कूलों में प्रवेश लेने की उम्मीद है. वर्तमान में मौजूदा 33 सैनिक स्कूलों में कक्षा-VI में तकरीबन 3,000 छात्रों के प्रवेश की क्षमता है.
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) को मंजूरी
कैबिनेट ने निरंतर अच्छे परिणाम देने वाले स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) (एसबीएम यू) को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दी. एसबीएम-यू 2.0 के लिए 1,41,600 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय, जो मिशन के पहले चरण से 2.5 गुना ज्यादा है.
एसबीएम-यू 2.0 के लक्ष्यों में 1 लाख से कम जनसंख्या वाले सभी शहरों में मल गाद प्रबंधन सहित खुले में शौच से मुक्ति शामिल है. सीवर और सेप्टिक टैंकों में खतरनाक पदार्थों के प्रवाह पर रोक और जल स्त्रोतों में अशोधित अपशिष्ट जल को प्रवाहित करने की मनाही होगी. सभी शहरों को कम से कम 3-स्टार गारबेज मुक्त प्रमाणन हासिल होंगे.
एनबीएस दरों को कैबिनेट ने मंजूरी
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2021-22 (1 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक) के लिए पीएंडके उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरों के निर्धारण के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. रोलओवर की कुल राशि 28,602 करोड़ रुपये होगी. 5,716 करोड़ रुपये की संभावित अतिरिक्त लागत पर डीएपी पर अतिरिक्त सब्सिडी के लिए विशेष एकमुश्त पैकेज.
सीसीईए ने एनबीएस योजना के तहत गुड़ (0:0:14.5:0) से प्राप्त पोटाश को शामिल करने को भी मंजूरी दी. सरकार उर्वरक निर्माताओं/आयातकों के माध्यम से किसानों को रियायती कीमतों पर यूरिया और 24 ग्रेड पीएंडके उर्वरक उपलब्ध करा रही है। पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी एनबीएस योजना द्वारा 01 अप्रैल 2010 से नियंत्रित की जा रही है.


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