Goods and Services Tax: चार तरह का होता है GST, जानें इनमें क्या है अंतर
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को चार साल पहले (1 जुलाई 2017) लागू किया गया था.
Goods and Services Tax: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को चार साल पहले (1 जुलाई 2017) लागू किया गया था. इसे लागू करने के लिए भारतीय संविधान में संशोधन किया गया था. कई अर्थशास्त्री मानते हैं कि यह स्वतंत्रता के बाद से सबसे बड़ा आर्थिक सुधार है तो वहीं कुछ इसे इनडायरेक्ट टैक्स से जुड़ा सबसे बड़ा सुधार कहा गया था.
इसे लागू करने का मकसद था देशभर में टैक्स की दरों में असमानता दूर करना था. जीएसटी में केंद्र और राज्यों के कई टैक्स को मिला दिया गया है.
जीएसटी लागू होने के बाद हुए ये बदलाव
टैक्स का पूरा सिस्टम ऑनलाइन हो गया. इससे व्यापार से जुड़े लोगों को फायदा पहुंचा.
पहले उन्हें अलग-अलग टैक्स के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन करना पड़ता था. अब उन्हें सिर्फ जीएसटी का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है.
चार तरह का होता है जीएसटी
इंटिग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (IGST)
स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (SGST)
सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (CGST)
यूनियन टेरिटरी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (UTGST)
इनमें से कुछ टैक्स राज्य सरकार को, तो कुछ केंद्र सरकार और कुछ केंद्र शासित प्रदेशों के पास जाता है.
आईजीएसटी
किसी वस्तु या सेवा की आपूर्ति (वस्तु या सेवा की बिक्री, ट्रांसफर, एक्सचेंज आदि) एक राज्य से दूसरे राज्य में होती है तो उस पर आईजीएसटी (IGST) लगता है.
ऐसा व्यापारी जो एक राज्य में कारोबार तो करता हो लेकिन माल कई राज्यों से खरीदता हो तो उसे दूसरे राज्य में खरीदे गए माल पर आईजीएसटी चुकाना पड़ता है.
एसजीएसटी
एसजीएसटी तब लगता है जब किसी वस्तु या सेवा की आपूर्ति एक ही राज्य के अंदर होती है. एसजीएसटी राज्य को मिलता है.
जीएसटी एक्ट के तहत राज्य में वस्तु या सेवा की सभी तरह की खरीद और बिक्री पर यह टैक्स लगता है.
कुछ चीजों को इससे छूट दी गई है.
इस टैक्स के लागू होन के बाद से राज्य सरकार की तरफ से लगने वाले टैक्स- वैट (VAT), लग्जरी टैक्स (Luxury Tax), मनोरंजन कर, खत्म हो गए हैं.
सीजीएसटी
अगर वस्तु या सेवा एक ही राज्य में खरीदी गई और उसी में बेची गई तो सीजीएसटी लगेगा.
दुकानदार आपसे एसजीएसटी और सीजीएसटी दोनों वसूलता है. इसे ऐसे समझें अगर किसी वस्तु पर टैक्स की दर 28 फीसदी है तो इस 28 फीसदी के टैक्स में 14 फीसदी एसजीएसटी में और 14 फीसदी सीजीएसटी में चला जाएगा.
यह टैक्स केंद्र सरकार को जाता है.
यूटीजीएसटी
यह केंद्र शासित प्रदेश वसूलते हैं.
यह टैक्स बिल्कुल एसजीएसटी की तरह है.