GST दरों की समीक्षा पर आज GoM की बैठक
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स की दरों पर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक आज होगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की दरों पर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक आज होगी. GoM की आज होने वाली बैठक में जीएसटी के मौजूदा स्लैब और एग्जेंप्टेड आइटम्स पर चर्चा होगी. हलांकि महंगाई को देखते हुए दरों में बदलाव की उम्मीद कम ही है. इस बैठक में जीएसटी स्लैब (GST Slab) के मर्जर पर भी विचार-विमर्श किए जाने की संभावना है. बता दें कि GST व्यवस्था में गुड्स एंड सर्विसेज पर 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी के चार टैक्स स्लैब में टैक्स लगाया जाता है. इन टैक्स स्लैब को 4 से घटाकर 3 तक कम करने पर विचार किया जा रहा था.
28-29 जून को GST काउंसिल की बैठक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक 28-29 जून को श्रीनगर में होगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऑफिस ने ट्वीट किया, जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक 28-29 जून (मंगलवार और बुधवार) को होगी.
काउंसिल की यह बैठक इस दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि इसमें राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति की दरों को सुसंगत करने संबंधी रिपोर्ट पर चर्चा होगी. इसके अलावा बैठक में कसीनो (Casino), घुड़दौड़ (Horse Racing) और ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) के लिए जीएसटी दरों पर विचार किया जाएगा. बैठक में कुछ प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर भी विचार किया जा सकता है.
GST दरों में बदलाव की गुंजाइश कम
इससे पहले, वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा था कि महंगाई के उच्च स्तर पर होने के साथ वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने की शायद ही गुंजाइश है. जीएसटी के तहत के चार स्लैब हैं. इसमें कुछ जरूरी वस्तुओं पर छूट है या 5 प्रतिशत की दर से सबसे कम कर लगता है. जबकि सर्वाधिक 28 फीसदी टैक्स आरामदायक और समाज के नजरिये से अहितकर वस्तुओं पर लगाया जाता है. इसके अलावा 28% जीएसटी के दायरे में आने वाले सामान पर उपकर भी लगाया जाता है.
मई में GST कलेक्शन 1.41 लाख करोड़
मई के महीने में GST कलेक्शन 1.41 लाख करोड़ रुपए रही. इसमें पिछले साल के मुकाबले 44 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई. हालांकि एक महीने पहले के रिकॉर्ड कलेक्शन से मई का आंकड़ा 16 प्रतिशत नीचे रहा है. अप्रैल में ही जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) अब तक के अपने सबसे उच्चतम स्तर 1.68 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया.