इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ रेट का अनुमान फिच ने घटाया, ज्यादा वैक्सीनेशन से हालात बदलने की उम्मीद
अनुमान को 11 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है.
कोरोना महामारी के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है. ऐसे में फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा दिया है. पिछले अनुमान के मुताबिक यह 12.8 प्रतिशत थी अब इसे घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है. हालांकि फिच का मानना है कि टीकाकरण में तेजी से कारोबार के परमानेंट रिवाइवल और उपभोक्ताओं के भरोसे को मजबूती मिल सकती है और अर्थव्यवस्था में सुधार आ सकता है.
रेटिंग एजेंसी फिच की ओर से ग्रोथ रेट घटाने की वजह कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद सुधार की रफ्तार धीमी पड़ना है. वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंकिंग क्षेत्र के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं. इसलिए वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी 10 प्रतिशत तक रहने की संभावना है.
रेटिंग एजेंसी फिच का कहना है कि नए प्रतिबंधों ने सुधार के प्रयासों को धीमा कर दिया है. जगह-जगह लगे लॉकडाउन की वजह से कारोबार चौपट हो गया. वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकों को व्यापार और रेवेन्यू जेनरेशन में भी प्रदर्शन खराब रहा. इसलिए भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार तभी संभव है जब तेजी से टीकाकरण हो. इससे व्यापार और उपभोक्ता विश्वास में बढ़ोतरी होगी.
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भी घटाया था ग्रोथ रेट
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर यानी जीडीपी (GDP) को लेकर एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने बीते महीने नया अनुमान जताया था. इसमें रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत के ग्रोथ रेट के अनुमान को 11 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है.