पपीते की खेत में निराश खड़ा हुआ किसान, बताया अपना दर्द
महाराष्ट्र में किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है
महाराष्ट्र में किसानों (Farmers) की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. कभी टमाटर (Tomato) का भाव नहीं मिलता तो कभी शिमला मिर्च का इतना कम दाम मिलता है कि किसान उसे फ्री में बांट देता है. अब यहां का एक किसान 7-8 रुपये किलो पपीता बेचने के लिए मजबूर है. सरकार से उसे दाम को लेकर कोई मदद नहीं मिल पा रही है. मामला महाराष्ट्र के लातुर जिले का है. यहां वलांडी गांव के रहने वाले किसान संग्राम भोसले इन दिनों मार्केट में पपीते का सही भाव न मिलने के कारण परेशान हैं.
तीन साल पहले भोसले ने पपीते की खेती (Papaya Farming) लगाया था. इस साल अच्छे फल आए हैं. लेकिन मार्केट में पपीते को सिर्फ 7 रुपये से लेकर 8 रुपये तक ही भाव मिल रहा है. जिससे वो लागत तक नहीं निकाल पा रहे हैं. भला इतने कम दाम पर कैसे किसी किसान की आय दोगुनी हो सकती है.
किसान ने बताया अपना दर्द
संग्राम भोसले बताते हैं कि उनके पास ढाई एकड़ खेत है. इतने में पपीते की खेती के लिए 3 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. काफी मेहनत करने के बाद पपीता इतना अच्छा उगा है. लेकिन भाव नहीं मिल रहा है. किसान मेहनत करके कुछ भी कर सकता, लेकिन भाव उसके हाथ में नहीं है. हालात ये हो गए हैं कि खेत से मार्केट तक ले जाने का खर्च तक नहीं निकल पा रहा. अब भारी बारिश की वजह से भी नुकसान हो रहा है. सरकार से निवदेन है कि वो किसानों की कुछ मदद करे.
रिटेल में 40 रुपये तो किसानों को इतना कम क्यों?
भोसले ने बताया कि दो साल पहले जब पौधों को लगाया था तब बारिश कम होने के कारण सूखा पड़ गया था. उस वक्त गर्मी के मौसम में पानी खरीद कर पौधों को दिया. बगीचे को जिंदा रखा था. रिटेल मार्केट में 40 रुपये प्रति किलो के भाव से यह बिक रहा है. जबकि किसान को इससे कई गुना कम पैसा मिल रहा है. जब मार्केट में इतना रेट मिल सकता है तो किसानों के लिए भी एक अच्छा दाम होना चाहिए.
सरकार से मदद की गुहार
कृषि क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि लातूर जिले से पपीता हैदराबाद, पुणे एवं महाराष्ट्र के दूसरे प्रमुख शहरों में जाता है. जहां पर इन शहरों में रिटेल मार्केट में 40 रुपये प्रति किलो के भाव से पपीता (Papaya Price) बेचा जा रहा है तो वहीं पपीता उत्पादक किसानों को सिर्फ 8 रुपये प्रति किलो का भाव मिल रहा है. जिससे किसान काफी ज्यादा निराश हो चुके हैं और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
किस राज्य में कितना उत्पादन
पपीता उत्पादक देशों में ब्राजील, मैक्सिको एवं नाइजिरिया के बाद भारत का चौथा स्थान है. यहां 73.7 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में पपीते की खेती होती है. उत्पादन 25.90 लाख टन है. आंध्रप्रदेश में 14.72, गुजरात में 11.86, कर्नाटक में 5.24, मध्य प्रदेश में 4.55 और पश्चिम बंगाल में 3.45 लाख टन पपीते का उत्पादन होता है.