नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने यूजर्स को सौगात दिया। बता दें कि ईपीएफओ स्कीम (EPFO Scheme) वर्ष 1952 में शुरू हुई थी। यह स्कीम पहले सरकारी कर्मचारी के लिए थी पर बाद में इसे प्राइवेट कर्मचारियों के लिए भी शुरू कर दिया।
इस स्कीम में कर्मचारी और कंपनी द्वारा हर महीने एक फिक्स्ड अमाउंट पीएफ फंड (PF Fund) में जमा किया जाता है। इस फंड में सरकार द्वारा ब्याज दिया जाता है। यह स्कीम रिटायरमेंट स्कीम (Retirement Scheme) है। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को मोटा फंड और मासिक पेंशन (Monthly Pension) का लाभ मिलता है।
अब ईपीएफओ ने अपने यूजर्स को सुविधा देने के लिए ऑटो क्लेम सेटलमेंट (EPFO Auto Claim Settlement) का दायरा बढ़ा दिया। इसका मतलब है कि अब घर बनाने, शादी या फिर पढ़ाई के लिए क्लेम जल्दी सेटल हो जाएगा।
ईपीएफओ ने ऑटो क्लेम सेटलमेंट की लिमिट को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने बताया कि इसकी जानकारी श्रम मंत्रालय द्वारा दी गई है।
ईपीएफओ ने इसके लिए ऑटो क्लेम सॉल्यूशन लॉन्च (EPFO Auto Claim Solution) किया है। इसमें आईटी सिस्टम के जरिये क्लेम सेटल होगा। ईपीएफओ ने बताया पिछले कारोबारी साल में उन्होंने 4.5 करोड़ क्लेम का निपटारा किया है।
इसमें से 60 फीसदी से ज्यादा के क्लेम अग्रिम दावे के लिए थे। आपको बता दें कि अप्रैल 2020 से ही बीमारी के इलाज के लिए एडवांस क्लेम सेटलमेंट के लिए ऑटो मोड सुविधा शुरू हो गई थी।
इन स्थिति में जल्दी सेटल होगा क्लेम
पिछले वित्त वर्ष में लगभग 89.52 लाख क्लेम ऐसे थे जिसे ऑटो-मोड के तहत सेटल किया गया है। ईपीएफ स्कीम 1952 के पैरा 68K (एजुकेशन और मैरिज के लिए) और 68B (हाउसिंग) के लिए भी ऑटो क्लेम की सुविधा शुरू की है।
जहां पहले क्लेम सेटल होने में समय लगता था, वहीं अब ऐसा नहीं होगा। दरअसल, ऑटो सेटलमेंट में बिना मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा, जिसकी वजह से जल्दी क्लेम सेटल हो जाएगा। ऑटो क्लेम सेटल को आईटी सिस्टम द्वारा ऑपरेट किया जाएगा।
यहां तक कि केवाईसी, पात्रता और बैंक वैलिडेशन भी आईटी टूल्स के जरिए ऑटोमेटिक तरीके से प्रोसेस होगा। मंत्रालय द्वारा कहा जा रहा है कि जहां पहले क्लेम सेटलमेंट होने में 10 दिन का समय लगता था वह अब 3 से 4 दिन में पूरा हो जाएगा।
क्या अब भी रिजेक्ट या रिटर्न होगा क्लेम
मंत्रालय ने बताया कि अगर कोई क्लेम सेटलमेंट आईटी सिस्टम से नहीं होता है तो उसे रिजेक्ट या फिर रिटर्न नहीं किया जाएगा। आईटी सिस्टम से क्लेम सेटलमेंट न होने पर इसे दूसरे स्तर स्क्रूटनी और अप्रूवल के जरिए निपटाया जाएगा।
ऑटो क्लेम हो जाने के बाद अब हाउसिंग, मैरिज या एजुकेशन के लिए किये जाने वाले क्लेम कम समय में सेटल हो जाएंगे ताकि ईपीएफओ मेंबर्स को जल्द से जल्द फंड मिल जाए।