EPFO ने प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों को दिया 440 वोल्ट का झटका

Update: 2023-09-18 06:54 GMT
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक बुरी खबर है। आने वाले दिनों में पीएफ पर ब्याज कम हो सकता है. इससे प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए सामाजिक सुरक्षा का एकमात्र आधार कमजोर हो सकता है।
EPFO को सरप्लस की जगह नुकसान उठाना पड़ रहा है
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर में आरटीआई के हवाले से यह जानकारी दी गई है. खबरों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान ईपीएफओ को सरप्लस का अनुमान लगाने के बाद भी घाटा हुआ है. माना जा रहा था कि ईपीएफओ के पास 449.34 करोड़ रुपये का सरप्लस होगा, जबकि उसे 197.72 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। इसके बाद पीएफ पर दी जा रही ब्याज दरों पर दोबारा विचार करने का फैसला किया गया।
ब्याज पर वित्त मंत्रालय का रुख कुछ ऐसा है
फिलहाल पीएफ पर मिल रहा ब्याज पहले से ही कम है। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पीएफ पर ब्याज दर 8.15 फीसदी तय की है। वित्त मंत्रालय का मानना है कि ईपीएफ को होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए पीएफ की ब्याज दर पर दोबारा विचार करना जरूरी है। पीएफ की ऊंची ब्याज दरों को कम कर बाजार दरों के बराबर लाने की जरूरत है।
सिर्फ इस स्कीम में पीएफ से ज्यादा ब्याज है
मौजूदा समय में अगर पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की तुलना बाजार से करें तो यह वाकई ज्यादा है। छोटी बचत योजनाओं में केवल एक वरिष्ठ नागरिक बचत योजना है, जिस पर फिलहाल पीएफ से ज्यादा ब्याज मिल रहा है। इस योजना की ब्याज दर फिलहाल 8.20 फीसदी है। सुकन्या समृद्धि योजना से लेकर नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) तक हर चीज पर ब्याज दरें पीएफ से कम हैं। इसी वजह से वित्त मंत्रालय लंबे समय से पीएफ पर ब्याज को 8 फीसदी से कम करने की वकालत कर रहा है।
इस तरह पीएफ पर ब्याज कम हो गया
वहीं, अगर पीएफ पर पहले से मिल रहे ब्याज पर नजर डालें तो दरें फिलहाल निचले स्तर पर हैं। पीएफ पर ब्याज लगातार कम किया गया है. वित्त वर्ष 2015-16 में पीएफ पर ब्याज दर 8.80 फीसदी से घटाकर 8.70 फीसदी कर दी गई थी। ट्रेड यूनियनों के विरोध के बाद इसे फिर घटाकर 8.80 फीसदी कर दिया गया। इसके बाद पीएफ पर ब्याज दरें घटती गईं और 2021-22 में 8.10 फीसदी के निचले स्तर पर आ गईं। 2022-23 में इसे मामूली बढ़ाकर 8.15 फीसदी कर दिया गया।
EPFO के पास हैं इतने करोड़ सब्सक्राइबर्स
निजी क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों लोगों के लिए पीएफ सामाजिक सुरक्षा का सबसे बड़ा आधार है। इससे रिटायरमेंट के बाद जीवन के लिए फंड बनाने में मदद मिलती है। पीएफ पर अच्छा ब्याज मिलने से करोड़ों लोगों को फायदा हो रहा है। पीएफ का पैसा ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा प्रबंधित किया जाता है। फिलहाल EPFO के सब्सक्राइबर्स की संख्या 6 करोड़ से ज्यादा है।
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