बिजली वितरण कंपनियों पर Discoms का कर्ज बढ़कर 1.37 लाख करोड़ रुपये पहुंचा, एक साल में 37 फीसदी का हुआ इजाफा

बिजली उत्पादकों पर डिस्ट्रिब्युशन कंपनियों (DISCOMS) को कुल बकाया साल-दर-साल आधार पर 37 फीसदी बढ़ा |

Update: 2020-10-11 09:40 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| बिजली उत्पादकों पर डिस्ट्रिब्युशन कंपनियों (DISCOMS) को कुल बकाया साल-दर-साल आधार पर 37 फीसदी बढ़कर 1.33 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. बिजली वितरण कंपनियों का यह बकाया अगस्त 2020 तक का है. अब इससे साफ पता चलता है कि यह सेक्टर कितने बड़े वित्तीय दबाव के दौर से गुजर रहा है. पिछले साल अगस्त महीने तक इन डिस्कॉम्स का कुल बकाया 96,963 करोड़ रुपये रहा था. ​सितंबर में ही बिजल वितरण कंपनियों के लिए नकदी राहत पैकेज को बढ़ाकर 1.20 लाख करोड़ रुपये किए जाने की जानकारी आई थी.

सरकार ने डिस्कॉम को मार्च तक के अपने बकाया के भुगतान के लिए 90,000 करोड़ रुपये पैकेज दिया था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों के जून तक के बकाया के आधार पर जल्द पैकेज को बढ़ाया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने नकदी संकट से जूझ रही बिजली वितरण कंपनियों को अपने मार्च, 2020 तक के बकाया के भुगतान के लिए मई में 90,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी.

पिछले वित्‍त वर्ष में डिस्‍कॉम को हुआ 2.28 लाख करोड़ का नुकसान

सूत्रों के मुताबिक, राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से उधार लेने की सीमा (Borrowing Limit) बढ़ाने के साथ ही 1.2 लाख करोड़ रुपये की पूंजी की मांग की जा सकती है. उम्‍मीद की जा रही है कि साल 2020 के अंत तक सभी डिस्‍कॉम का नुकसान (Loss) घटाकर 1.4 लाख करोड़ रुपये तक लाया जाएगा.

बता दें कि डिस्‍कॉम को वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान 2.28 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ सरकारी सूत्रों के मुताबिक, जून 2020 तक बिजली उत्‍पादन और वितरण कंपनियों के लिए लिए गए उधार में से राज्‍यों की डिस्‍कॉम पर 2.63 लाख करोड़ रुपये बकाया हैं. इनमें राजस्‍थान डिस्‍कॉम पर 35,042 करोड़ रुपये, तमिलनाडु का 18,970 करोड़ और उत्‍तर प्रदेश का 13,715 करोड़ रुपये बकाया है.

कई राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों की डिस्‍कॉम को होगा निजीकरण!

ऊर्जा क्षेत्र के लिए सुधार योजना के तहत कुछ राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों की डिस्‍कॉम (States & UTs Discoms) का वित्‍त वर्ष 2020-21 में निजीकरण (Privatization) किया जाएगा. इनमें चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार की डिस्‍कॉम शामिल हैं. इसके अलावा दादर नागर हवेली और दमन-दीव की डिस्‍कॉम को भी निजी कंपनियों (Private Companies) को सौंपा जाएगा. सरकार के सूत्रों के मुताबिक, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन (REC) और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) की ओर से राज्‍यों की डिस्‍कॉम में 68,000 करोड़ रुपये डालने को मंजूरी दे दी गई है.

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