Demat Account Update: Share Market निवेशकों के लिए जरूरी खबर! अगर नहीं किया KYC अपडेट, 1 अगस्त से बंद हो जाएगा Demat Account

अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं और आपके पास डीमैट अकाउंट है या ट्रेडिंग अकाउंट है तो ये खबर आपके लिए है. क्योंकि अगर आपने अपना KYC 31 जुलाई तक अपडेट नहीं किया तो आपका अकाउंट डीएक्टिवेट हो जाएगा.

Update: 2021-07-30 02:48 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं और आपके पास डीमैट अकाउंट है या ट्रेडिंग अकाउंट है तो ये खबर आपके लिए है. क्योंकि अगर आपने अपना KYC 31 जुलाई तक अपडेट नहीं किया तो आपका अकाउंट डीएक्टिवेट हो जाएगा.

31 जुलाई तक KYC अपडेट करें
डिपॉजिटरीज नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSD) और सेंट्रल डिपॉजिटरीज सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) की ओर से 7 अप्रैल 2021 और 5 अप्रैल 2021 को जारी सर्कुलर में कहा गया था कि अकाउंट होल्डर्स के लिए 6 KYC जानकारियां देनी हैं. ये जानकारियां हैं- नाम, पता, PAN, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी और इनकम रेंज.
6 KYC जानकारियां अपडेट करनी हैं
1 जून 2021 के बाद खोले गए नए अकाउंट्स के लिए सभी 6 जानकारियां अनिवार्य कर दी गई हैं. जबकि मौजूदा अकाउंट्स के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी ने डिपॉजिटर्स से कहा है कि वो सभी 6 KYC को अपडेट करें और जहां जरूरी हो क्लाइंट्स सूचित करें कि वो इसे अपडेट करें.
PAN को वेरिफाई करें
सर्कुलर में कहा गया है कि सिक्योरिटीज मार्केट में ट्रांजैक्शन के लिए क्लाइंट्स की ओर से PAN जमा करने की अनिवार्यता स्वीकृत छूट के साथ जारी रहेगी, निवेशकों से कहा गया है कि वो PAN कार्ड को इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर वेरिफाई कर लें. अगर PAN कार्ड आधार से लिंक नहीं है तो PAN कार्ड को वैलिड नहीं माना जाएगा.
ये जानकारियां भी अपडेट करें
सभी खाताधारकों को अलग से मोबाइल नंबर और ई-मेल एड्रेस देना होगा. हालांकि लिखित डेक्लेरेशन देने के बाद खाताधारक अपने परिवार को मोबाइल नंबर और ई-मेल एड्रेस अपडेट कर सकता है. परिवार से आशय खुद, जीवनसाथी, निर्भर माता-पिता और बच्चों से है.
परिवार की जानकारी भी अपडेट कराएं
अगर एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट में एक ही मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी पाई गई और परिवार की जानकारी भी अपडेट नहीं है, तो ऐसे डीमैट अकाउंट होल्डर्स को 15 दिन का नोटिस देकर उनसे मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी बदलाव फॉर्म या रिक्वेस्ट लेटर जमा करने के लिए कहना होगा. अगर वो ऐसा करने में नाकाम रहते हैं तो ऐसे खातों को नॉन-कंप्लायंट्स में डाल दिया जाएगा. खाताधारकों को डिपॉजिटर्स को अपनी इनकम रेंज, इंडिविजुअल और नॉन-इंडिविजुअल रूप में अलग अलग बतानी होगी. इंडिविजु्अल्स के लिए इनकम रेंज 1 लाख रुपये से लेकर 25 लाख रुपये तक की रेंज वाले शामिल हैं. जबकि नॉन इंडिविजुअल की रेंज 1 करोड़ रुपये से ऊपर तक की है.

ये भी पढ़ें- भूल जाओ महंगा पेट्रोल! ये इलेक्ट्रिक साइकिलें फुल चार्ज में चलेंगी 100 किलोमीटर! कीमत भी है काफी कम


Tags:    

Similar News