18 महीने के DA एरियर पर इस दिन आएगा फैसला, जाने
7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों को एक बार फिर खुशखबरी मिल सकती है. दिसंबर में कैबिनेट सेक्रेटरी के साथ 18 महीने के DA एरियर पर चर्चा हो सकती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्रीय कर्मचारियों को 31% महंगाई भत्ता की स्वीकृति मिल गई है. लेकिन अभी भी एक मोर्चे पर उन्हें निराशा मिली है. कर्मचारियों के 18 महीने के एरियर को लेकर उनकी उम्मीदें पूरी अब तक नहीं हो सकी है. सरकार ने जब महंगाई भत्ते को लेकर ऐलान किया था तो कहा था कि उन्हें बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता ही मिलेगा, लेकिन एरियर पर सरकार ने फिलहाल इनकार कर दिया था.
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी
गौरतलब है कि 7th Pay Commission के तहत केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को 31 फीसदी डीए के अलावा कई बड़े फायदे दिए हैं. लेकिन डीए एरियर का मामला 18 महीने से लटका है. नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के सचिव (स्टाफ साइड) शिव गोपाल मिश्रा के अनुसार, काउंसिल ने सरकार के सामने मांग रखी है कि डीए बहाल करते वक्त 18 महीने से पेंडिंग डीए एरियर का भी वन टाइम सेटलमेंट कर दिया जाए. हालांकि, उम्मीद है कि दिसंबर में कैबिनेट सेक्रेटरी के साथ इस पर चर्चा हो सकती है.
एरियर का फैसला अब पीएम मोदी करेंगे
गौरतलब है कि 18 महीने के एरियर का मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच गया है, अब पीएम मोदी एरियर को लेकर फैसला करेंगे. इससे एरियर को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों की उम्मीदें एक बार फिर जाग गई हैं. अगर पीएम मोदी 18 महीने के एरियर को हरी झंडी देते हैं तो आपको बता दें कि करीब 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के खाते में मोटी रकम आएगी.
फिलहाल, केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 31 परसेंट हो चुका है. इसका फायदा केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों और 65 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को मिल रहा है.
PM मोदी को पेंशनर्स ने लिखी चिट्ठी
भारतीय पेंशनभोगी मंच (BMS) ने DA, DR के एरियर के भुगतान को लेकर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है. BMS ने पीएम मोदी से अपील की है कि वो इस मामले में हस्तक्षेप करें. BMS ने अपील की है कि आप वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) को एक जनवरी, 2020 से 30 जून 2021 के बीच रोके गए DA/DR के एरियर को जल्द जारी करने का निर्देश दें. इस बारे में तत्काल कार्रवाई पर हम अत्यंत आभारी रहेंगे. पेंशनर्स का तर्क है कि DA/DR जिस अवधि में रोके गए थे उस दौरान खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है और पेट्रोल-डीजल की कीमतें, खाने का तेल और दलहन के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे हैं.
पेंशनर्स के लिए सही नहीं फैसला
DA/DR का भुगतान कर्मचारियों और पेंशनर्स की जीवनयापन की लागत में बढ़ोतरी की भरपाई करने के लिए होता है. 18 महीने के दौरान लागत में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में इस अवधि का पैसा रोकना कर्मचारियों और पेंशनर्स के हित में नहीं है. चिट्ठी में इस बात जिक्र किया गया है कि ज्यादातर पेंशनर्स बड़ी उम्र के हैं. चिकित्सा के लिए पैसे की जरूरत होती है. साथ ही कोविड-19 संकट की वजह से जयादातर पेंशनभोगियों की आय इतनी होती है कि वे सिर्फ अपना पेट भर सकते हैं.
BMS ने कहा कि इस बात में शक नहीं है कि देश वित्तीय संकट से जूझ रहा है. ज्यादातर पेंशनभोगियों ने प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात राहत कोष (PM CARES) में एक दिन की पेंशन का योगदान दिया है. अब उन्हें जरूरत है तो सरकार को 'DA/DR का भुगतान करना चाहिए.