Business: भारत में सिंगापुर की कैपिटालैंड 90,000 करोड़ रुपये का करेगी निवेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो-दिवसीय यात्रा पर सिंगापुर गए हुए हैं

Update: 2024-09-05 07:53 GMT

मुंबई: ग्लोबल रियल एसेट मैनेजर कैपिटालैंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (सीएलआई) द्वारा बुधवार को कहा गया कि कंपनी भारत में फंड अंडर मैनेजमेंट (एफयूएम) 2028 तक बढ़ाकर 14.8 अरब सिंगापुर डॉलर (भारतीय रुपये में 90,280 करोड़) करेगी, जो कि फिलहाल 7.4 अरब सिंगापुर डॉलर है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो-दिवसीय यात्रा पर सिंगापुर गए हुए हैं।

कंपनी की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि सीएलआई ग्लोबल का लक्ष्य 2028 तक 200 अरब सिंगापुर डॉलर का एमयूएम हासिल करना है।

भारत में सिंगापुर के हाई कमिश्नर साइमन वोंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि सिंगापुर की कंपनियां भारत में निवेश को दोगुना कर रही हैं।

सीएलआई का भारत में प्रवेश 30 वर्ष पहले इंटरनेशनल टेक पार्क बेंगलुरु (आईटीपीबी) के साथ हुआ था। मौजूदा समय में कंपनी के पास देश में 14 बिजनेस और आईटी पार्क हैं, जो कि 23.5 मिलियन स्क्वायर फीट में फैले हुए हैं। यह बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, मुंबई और गुरुग्राम में हैं। इन पार्क में 2,50,000 लाख से ज्यादा पेशेवर काम करते हैं।

सीएलआई के ग्रुप सीईओ ली.ची. कून ने कहा, "भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ बाजार है। जहां पिछले सात वर्षों में हमारा निवेश तीन गुना हुआ है। भारत की जीडीपी 2024 में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है और अगले पांच वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है। इस कारण से भारत में ग्लोबल कॉरपोरेशन और संस्थागत निवेशकों की ओर से अच्छी गुणवत्ता वाले रियल एस्टेट की मांग बढ़ रही है।"

उन्होंने आगे कहा कि हम भारत में लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करते हैं। हम केवल संपत्तियों में ही निवेश नहीं करते हैं, बल्कि देश के आर्थिक विकास में भी योगदान देते हैं।

सीएलआई इंडिया के सीईओ संजीव दासगुप्ता ने कहा, "हम अपनी ऑपरेशनल दक्षता का इस्तेमाल करके अपनी संपत्ति की वैल्यू बढ़ाएंगे। साथ ही अपने स्थापित लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म एसेंडास-फर्स्टस्पेस (एएफएस) के तहत लॉजिस्टिक प्लेटफॉर्म और सीएलआई की लॉजिंग शाखा, द एस्कॉट लिमिटेड के माध्यम से अपने लॉजिंग पोर्टफोलियो को बढ़ाएंगे।"

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