Budget expectation: एनपीएस में बढ़ सकती है टैक्स छूट की लिमिट

Update: 2024-07-08 02:58 GMT
Budget expectation: केंद्र सरकार पूर्ण बजट में राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के सदस्यों को राहत देने के लिए कई रियायती घोषणाएं कर सकती है। इसके तहत एनपीएस अंशदान पर कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 फीसदी किया जा सकता है, जो अभी 10 फीसदी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 23 जुलाई को बजट पेश करेंगी। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए ने इस साल सरकार से यह कर छूट की सिफारिश की थी। नियामक का कहना है कि करों के मामले में ईपीएफओ की तरह ही एनपीएस में योगदान करने वाली कंपनियों और नियोक्ताओं के लिए समान अवसर होना चाहिए। इसमें अभी भी असमानता है। एनपीएस में मूल वेतन और महंगाई भत्ते पर 10 फीसदी की कर छूट दी जाती है जबकि ईपीएफओ के मामले में यह 12 फीसदी है। जबकि सरकारी कर्मचारियों के मामले में यह सीमा 14 फीसदी है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार पीएफआरडीए के इस प्रस्ताव पर विचार कर सकती है। यहां भी राहत संभव
फिलहाल पुरानी कर व्यवस्था में धारा 80सीसीडी(1B) के तहत 50,000 रुपये के स्वैच्छिक योगदान के संबंध में अतिरिक्त कटौती की भी अनुमति है। सरकार (government) नई कर व्यवस्था के तहत भी उपरोक्त कटौती की अनुमति देने पर विचार कर सकती है। इससे सरकार के दो उद्देश्य पूरे होंगे। पहला- करदाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत अतिरिक्त कटौती का लाभ मिलेगा। दूसरा- नई कर व्यवस्था को बढ़ावा देने के सरकार के उद्देश्य के अनुरूप रिटायरमेंट प्लानिंग में अधिक निवेश होगा।
निजी कर्मचारियों को होगा बड़ा फायदा- Private employees will get a big benefit
फिलहाल ईपीएफ खाते (EPF account) में नियोक्ता और कर्मचारी 12-12 फीसदी का योगदान करते हैं। इस पर भी टैक्स छूट मिलती है। वहीं, एनपीएस में निजी क्षेत्र के 10 फीसदी योगदान पर ही टैक्स छूट मिलती है। पीएफआरडीए ने इस छूट को बढ़ाकर 12 फीसदी करने की सिफारिश की है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सरकार एनपीएस पर नियोक्ता योगदान की सीमा बढ़ाती है तो इससे निजी क्षेत्र (private sector) के कर्मचारियों और सरकारी कर्मचारियों के बीच का अंतर खत्म हो जाएगा। इससे निजी कर्मचारियों के लिए भी रिटायरमेंट तक अच्छा फंड तैयार करने का रास्ता साफ हो जाएगा। नई पेंशन योजना चुनने वाले कर्मचारियों और नियोक्ताओं को 12 प्रतिशत कर छूट का लाभ भी मिलेगा।
करदाताओं को यहां भी उम्मीद- Taxpayers have hope here too
कर के मोर्चे पर भी कामकाजी वर्ग (working class)को उम्मीद है कि मानक कटौती की सीमा बढ़ाई जा सकती है। फिलहाल मानक कटौती में 50,000 रुपये की छूट है। वहीं, पुरानी कर व्यवस्था के स्लैब और दरों में 2014 से कोई बदलाव नहीं हुआ है। करदाताओं को इस संबंध में राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं, नई कर व्यवस्था को आकर्षक बनाने के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान करते समय कटौती का लाभ दिया जा सकता है।
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