Budget 2024: निर्मला जी, सैलरी से चलता है घर द्वार, टैक्स भी हैं सब में ज्यादा इस भर कुछ राहत दिला दो

Update: 2024-06-28 03:15 GMT
Budget 2024: वित्त मंत्री जी, नमस्ते...एक बार फिर से वित्त मंत्री बनने के लिए आपको शुभकामनाएं. हम सब खुश हैं कि एक बार फिर से आप बजट पेश (presenting the budget) करने जा रही हैं. हर बार की तरह इस बार भी हम सब सैलरीड क्लास की उम्मीदें आपसे बंधी हैं. वित्त मंत्री जी हम तय सैलरी पाने वाले नौकरीपेशा लोगों की आपसे बड़ी उम्मीदें हैं. बढ़ती महंगाई, महंगे होम लोन, स्कूल से लेकर किचन के बोझ से हम इस कदर दब रहे हैं कि आपसे राहत की आस लगाकर बैठे हैं. हालांकि बीते कई सालों से हमें बार-बार मायूसी ही हाथ लगी है. हर बार हमारे अरमानों पर पानी ही फिरा है, टैक्स स्लैब में आपने बीते कई सालों से कोई बदलाव नहीं किया है. कई सालों से कमोवेश इनकम टैक्स में कोई छूट नहीं दी गई. सैलरी से घर चलाने वाले हम टैक्सपेयर देश के लिए सबसे ज्यादा रेवेन्यू जेनरेट करते हैं, लेकिन सरकार की आय के सबसे बड़े सोर्स हम सैलरीड क्लास के हाथों में हमेशा मायूसी ही हाथ लगती है. लेकिन इस बार हमें आपसे कुछ राहत की आस हैं.
कुछ इनकम टैक्स ले जाता है, कुछ.... - Income tax takes some, some....
वित्त मंत्री जी मंदी की आहट भर ने कईयों की नौकरी छीन ली, हेल्थ पर खर्च बढ़ गया है, बच्चों की फीस से लेकर किचन का बजट तक बढ़ता ही जा रहा है. एक ओर खर्च बढ़ता जा रहा है लेकिन सैलरी (salary) उस हिसाब से नहीं बढ़ रही. बढ़ते खर्च के उलट इनकम पर जो टैक्स कटती थी वो जस की तस ही है. ऐसे में हम सैलरी वालों की बचत घटती जा रही है. महीने के आखिरी तक बैंक अकाउंट खाली हो जाता है और 1 तारीख का इंतजार तेज हो जाता है. सेविंग के नाम पर बहुत कुछ बचता नहीं है. हमारी जिंदगी तो किशोर कुमार के इस गीत, " कमाता हूँ बहुत कुछ पर कमाई डूब जाती है कुछ इनकम टैक्स ले जाता है कुछ बीवी उड़ाती है..." जैसी हो गई है, लेकिन हालात तो ये है कि शौक तो दूर खर्च के पैसे भी कम पड़ जाते हैं. ऐसे में हमारी गाड़ी बार-बार इनकम टैक्स पर आकर अटक जाती है. आपने तो फरवरी में अंतरिम बजट के दौरान कहा भी था कि जुलाई में सबका ध्यान रखेंगी. हम सैलरीड क्लास को आपसे बहुत कुछ नहीं बस थोड़ी ही राहत चाहिए.
वित्त मंत्री जी बस इतनी सी हमारी डिमांड - Finance Minister ji, this is our only demand
वित्त मंत्री जी हम ज्यादा गुणा-भाग समझते नहीं है. नई-पुरानी टैक्स (New and old tax) व्यवस्था के बाद तो कंफ्यूजन और बढ़ गया है. हम तो बस चाहते हैं कि बढ़ती महंगाई और जरूरत के खर्चों को देखते हुए जुलाई में जब आप बजट 2024 पेश करें तो इनकम टैक्स में हम मिडिल क्लास के लिए टैक्स छूट का दायरा बढ़ा दें. हमारी गुजारिश है कि नई टैक्स व्यवस्था, जिसपर आप भी जोर देती हैं, उसमें बेसिक टैक्‍स एग्‍जेम्‍प्‍शन लिमिट को 3 लाख से बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपये या उससे थोड़ा ज्यादा कर दें. अगर पुरानी टैक्स व्यवस्था कोई चुनता है तो उसे 10Lakh तक की कमाई पर थोड़ी ज्यादा छूट मिले. स्टैंडर्ड डिडक्शन के नाम पर जो 50000 रुपये की छूट है, वो बीते पांच सालों से नहीं बदली वो बेहद कम है. महंगाई बढ़ी, लेकिन ये लिमिट वहीं की वहीं टिकी है. आपसे गुजारिश है कि इसे बढ़ाकर कम से कम 1 लाख रुपये कर दें. वित्त मंत्री जी हमारी बचत बढ़ेगी तो खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी और आखिरकार इसका फायदा देश की अर्थव्यवस्था को ही होगा.
थोड़ी सी राहत के लिए बड़ी उम्मीद- Big hope for a little relief
हमारे लिए अपना घर काफी मायने रखता है, इसलिए हम चाहते हैं कि लोन पर घर खरीदने पर टैक्‍स डिडक्‍शन क्‍लेम को थोड़ा आप बढ़ा दें. हाउसिंग लोन (housing loan) पर प्रिंसिपल अमाउंट पर सेक्‍शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये का ड‍िडक्‍शन क्‍लेम को थोड़ा बढ़ाकर कम से कम 3 लाख कर दें. वित्त मंत्री जी हम सैलरीड क्लास वाले बड़ी जरूरतों को भी अपनी सैलरी से पूरा नहीं कर पाते. इसके लिए कई बार हमें पर्सनल लोन लेना पड़ता है, लेकिन इस पर हमें इनकम टैक्स में कोई छूट नहीं मिलती. वित्त मंत्री इसमें आपसे थोड़ी राहत की उम्मीदहम रखते हैं. वित्त मंत्री जी हमारी मांगें बहुत छोटी सी है, उम्मीद है कि जब आप बजट तैयार कर रही होंगी कि हमारी जरूरतों पर, हमारी उम्मीदों का ध्यान रखेंगी.
आपका आभारी

एक टैक्सपेयर 

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