BUDGET 2024: आजकल घर और अपार्टमेंट खरीदना महंगा होता जा रहा है। कोरोना के बाद से प्रॉपर्टी की कीमतों (property prices) में लगातार बढ़ोतरी हुई है, जिससे मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों के लिए घर खरीदना मुश्किल हो गया है। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठकों में रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े लोगों ने प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी का हवाला देते हुए बजट में अतिरिक्त रियायतें देने का मुद्दा उठाया था। जानकारों का मानना है कि सरकार तमाम परिस्थितियों को देखते हुए लोगों को बड़ी सौगात दे सकती है। पिछले चार सालों में रियल एस्टेट बाजार में लगातार तेजी का रुख देखने को मिला है। हर साल अपार्टमेंट और प्लॉट की कीमतों में 15 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा निर्माण सामग्री भी महंगी होती जा रही है, जिससे शहरों के अंदर निम्न और मध्यम आय वर्ग को ध्यान में रखकर बनाए जाने वाले फ्लैटों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। अभी प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत घर खरीदने और बनाने के लिए लोन पर सब्सिडी दी जाती है। अधिकतम 2.67 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाती है। अब लोग चाहते हैं कि सरकार सब्सिडी बढ़ाए, ताकि प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों का बोझ उन पर न पड़े।
सब्सिडी वाले आवास का दायरा बढ़ाया जाए- The scope of subsidized housing should be increased
किफायती आवास के मामले में फिलहाल 45 लाख रुपये तक के फ्लैट और मकान खरीदने पर जीएसटी से जुड़ी रियायतें मिल रही हैं। 45 लाख रुपये से कम कीमत वाली आवासीय संपत्तियों पर एक फीसदी जीएसटी लगता है। किफायती आवासीय संपत्ति का दायरा बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। महानगरीय शहर में यह 65 लाख रुपये और गैर-महानगरीय शहर में 50 लाख रुपये होनी चाहिए। आरबीआई ने इस संबंध में सुझाव भी दिए थे। इसलिए माना जा रहा है कि मौजूदा बजट में यह सीमा बढ़ाकर 65 लाख रुपये की जा सकती है।
वे आयकर छूट बढ़ाने की मांग करते हैं- They demand to increase income tax exemption
फिलहाल आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट मिलती है, जिसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने की जरूरत है। इसके अलावा धारा 24बी के तहत आवास ऋण (housing loan) पर 2 लाख रुपये की छूट मिलती है, जिसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की जरूरत है। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार इसे बढ़ाकर 3 से 4 लाख रुपये के बीच कर सकती है।
उद्योग का दर्जा देने की मांग- Demand for giving industry status
रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े कारोबारियों की मांग है कि सरकार रियल एस्टेट बाजार में निवेश बढ़ाने के लिए इसे उद्योग का दर्जा दे, ताकि इस सेक्टर को औद्योगिक शाखाओं में टैक्स छूट (tax exemption) का भी फायदा मिल सके। अगर सरकार ऐसा करती है तो सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे प्रोजेक्ट को सिंगल विंडो सिस्टम के तहत मंजूरी मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
अभी तक अगर आप कहीं हाउसिंग सोसायटी (housing society) बनाना चाहते हैं तो आपको अलग-अलग जगहों से अनुमति लेने की जरूरत पड़ती है, लेकिन उद्योग का दर्जा मिलने के बाद एक साथ कई सुविधाएं मिल सकेंगी।