बड़ी राहत! 5 करोड़ से अधिक बिजनेस करने वाले GST टैक्सपेयर्स अब खुद कर सकेंगे ये काम

5 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाले गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) टैक्सपेयर्स अपने वार्षिक रिटर्न को खुद प्रमाणित कर सकेंगे और उन्हें इसका चार्टर्ड अकाउंटेंट से अनिवार्य ऑडिट सर्टिफिकेशन कराने की जरूरत नहीं होगी

Update: 2021-08-01 10:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार ने कारोबारियों को बड़ी राहत दी है. अब 5 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाले गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (Goods and Services Tax) टैक्सपेयर्स अपने वार्षिक रिटर्न को खुद प्रमाणित (Self Certify) कर सकेंगे और उन्हें इसका चार्टर्ड अकाउंटेंट (Chartered Accountants) से अनिवार्य ऑडिट सर्टिफिकेशन कराने की जरूरत नहीं होगी. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने इस बारे में निर्देश जारी किया है.

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के तहत 2020-21 के लिए 2 करोड़ रुपए तक के सालाना कारोबार वालों को छोड़कर अन्य सभी इकाइयों के लिए वार्षिक रिर्टन जीएसटीआर-9/9ए (GSTR-9/9A) दायर करना अनिवार्य है.इसके अलावा 5 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाले टैक्सपेयर्स को फॉर्म जीएसटीआर-9सी (GSTR-9C) के रूप में समाधान विवरण जमा कराने की जरूरत होती थी. इस विवरण को ऑडिट के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा सत्यापित किया जाता है.
GST नियमों में हुआ संशोधन
सीबीआईसी (CBIC) ने एक अधिसूचना के जरिये जीएसटी नियमों में संशोधन किया है. इसके तहत 5 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाले करदाताओं को वार्षिक रिटर्न के साथ स्व प्रमाणित समाधान विवरण देना होगा. इसके लिए सीए के प्रमाणन की जरूरत नहीं होगी.
हजारों टैक्सपेयर्स को मिलेगी राहत
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि सरकार ने पेशेवर पात्र चार्टर्ड अकाउंटेंट से जीएसटी ऑडिट की जरूरत को समाप्त कर दिया है. अब करदाता को वार्षिक रिटर्न और समाधान विवरण खुद सत्यापित कर जमा कराना होगा. उन्होंने कहा कि इससे हजारों टैक्सपेयर्स को अनुपालन के मोर्चे पर राहत मिलेगी लेकिन जानबूझकर या अनजाने में वार्षिक रिटर्न में गलत विवरण का जोखिम बढ़ेगा.
GST कलेक्शन एक बार फिर 1 लाख करोड़ के पार
जुलाई के महीने में सरकारी खजाने में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स से 1 लाख 16 हजार 393 करोड़ आए. जुलाई 2020 के मुकाबले इसमें 33 फीसदी की तेजी आई है. जुलाई 2021 के जीएसटी कलेक्शन में स्टेट जीएसटी (SGST) 28541 करोड़, सेंट्रल जीएसटी (CGST) 22197 करोड़ और IGST 57864 करोड़ है. IGST में 27,900 करोड़ इंपोर्ट की मदद से आए हैं. सेस से 7,790 करोड़ आए जिसमें 815 करोड़ इंपोर्टेड गुड्स पर लगने वाले सेस से आए हैं.


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