कर्मचारी वेतन आयोग: कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. इन्हें चार सप्ताह के अंदर पांचवें वेतनमान का भुगतान कर दिया जायेगा. इसके लिए हाईकोर्ट की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से साफ कहा है कि याचिकाकर्ताओं को 4 सप्ताह के भीतर पांचवें संशोधित वेतनमान का भुगतान कर दिया जाएगा.
झारखंड हाई कोर्ट ने एक बार फिर कर्मचारियों के हित में अहम फैसला लिया है. कॉलेज बोर्ड के नये तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पांचवें पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ दिया जायेगा. इसके लिए मोहम्मद सलीम व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक को आदेश दिए हैं. चार सप्ताह के अंदर कार्रवाई पूरी कर ली जायेगी.
चार सप्ताह के भीतर भुगतान आदेश
उच्च शिक्षा निदेशक की दलील में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के नाम आयोग की रिपोर्ट में नहीं हैं, इसलिए उन्हें पांचवें पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा सकता. हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन पाठक की अदालत ने उच्च शिक्षा निदेशक की दलील को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालय ने याचिकाकर्ताओं को पांचवां संशोधित वेतनमान देने की सिफारिश की थी, इसलिए निदेशक को इस पर सहमति देनी चाहिए थी. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि उच्च शिक्षा निदेशक को ऐसा कोई आदेश नहीं है कि पांचवें पुनरीक्षित वेतनमान को लेकर जब विवि ने किसी के नाम पर फिक्सेशन भेजा है तो उसे नजरअंदाज कर भुगतान नहीं किया जाये.
तर्क खारिज
इधर, उच्च शिक्षा निदेशक ने कोर्ट में जानकारी देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस एसबी सिंह और अग्रवाल की रिपोर्ट में याचिकाकर्ताओं के नाम नहीं थे. जिसके कारण उन्हें पांचवें पुनरीक्षित वेतनमान का भुगतान नहीं किया गया. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दलील दी कि यूनिवर्सिटी ने पांचवें संशोधित वेतनमान के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी और इसके लिए राज्य सरकार को रिपोर्ट भी भेजी थी.
जिस पर हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय ने याचिकाकर्ताओं को पांचवां पुनरीक्षण देने की सिफारिश की थी। ऐसे में उच्च शिक्षा निदेशक को इसका भुगतान करना होगा. 4 सप्ताह के अंदर सभी याचिकाकर्ताओं को पांचवें पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ मिल जायेगा. इससे उनकी सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी. उनके खाते में 22000 से 27000 रुपये देखे जा सकते हैं.