125 करोड़ की धोखाधड़ी पर चौंकाने वाला खुलासा : एनएसजी के गेस्ट हाउस में दोपहर 2 बजे के बाद से होता था गुप्त सौदा,
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के गेस्ट हाउस में ठगी का मास्टर माइंड प्रवीण यादव दोपहर 2 बजे के बाद ठेकेदारों से डील करता था। वहीं पर पूर्व तैनाती की वजह से वहां तैनात छोटे कर्मचारी चाय आदि की सुविधाएं मुहैया कराते थे। आरोपी ने गेस्ट हाउस को डील के लिए इसलिए चुना था कि ठेकेदारों को कोई शक न हो और उस पर पूरी तरह विश्वास रहे। ठेकेदारों का भरोसा जीतने के लिए उसने पहले छोटे काम दिलाने के नाम पर रुपये जमा कराए। काम न होने पर धरोहर राशि वापस भी कर देता था। इतना ही नहीं, उसकी बहन बैंक में फर्जी डीडी दिखाकर दूसरे काम का पैसा खाते में जमा करवाती थी। पुलिस जांच में पता चला कि पहले उसके शेयर मार्केट में 50 से 60 लाख रुपये डूब चुके थे, जिसे पूरा करने के लिए उसने धरोहर राशि के इस्तेमाल की योजना बनाई थी। बिचौलिया दिनेश ने जब पहली बार उसे 12 करोड़ रुपये दिलाए थे तो उसमें से उसे तीन करोड़ रुपये का कमीशन भी दिया था। उसके बाद उसने एक के बाद एक करके कई ठेकेदारों को उसके जाल में फंसाया।
विदेश भागने की आशंका पर जारी कराया एलओसी
आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने आरोपियों के विदेश भागने की संभावना को जताते हुए बुधवार को लुक आउट कॉर्नर नोटिस जारी कराया था। पुलिस आयुक्त केके राव की ओर से महानिदेशक सीआईडी, सीबीआई व पासपोर्ट कार्यालय को को पत्र लिखा गया है। इसमें प्रवीण यादव, पत्नी ममता यादव, बहन रितुराज यादव व उसके बहनोई नवीन यादव को विदेश जाने पर रोक लगाने की बात लिखी है।
लग्जरी कार से चलने का था शौक
पुलिस ने प्रवीण यादव के घर खेड़ा खुर्ररमपुर से बीएमडब्ल्यू, वाटिका चौक आवास से लैंड रोवर व एनएसजी कैंपस से टाटा हैरियर बरामद की है।
झिरकपुर के फ्लैट में छुपा था परिवार मामले की जांच कर रही एसआइटी में अपराध शाखा मारेसर के इंस्पेक्टर संदीप भी शामिल हैं। बिचौलिया से पूछताछ और मिल रही लोकेशन से पता चला कि जिरकपुर के एक फ्लैट में परिवार रह रहा है। अपराध शाखा की मानसेर की ओर से रेकी के बाद उसे उठाने की योजना थी। एसआईटी के प्रभारी प्रीतपाल ने मौके की नजाकत को देखते हुए अपराध शाखा पालम विहार की टीम को मौके पर भेजा। दोनों अपराध शाखा की टीम ने मौके पर पहुंच कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
रुपये गिनने के लिए मंगानी पड़ी थी मशीन
पुलिस टीम को मौके पर मिले 13 करोड़ 81 लाख रुपये गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ी। अपराध शाखा की ओर से पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी गिरफ्तारी में इतनी बड़ी रकम बरामद हुई हो और मशीन का इस्तेमाल करना पड़ा हो।मुख्यमंत्री ने दिए थे जांच के आदेश
एनएसजी में काम दिलाने के नाम पर 125 करोड़ रुपये की ठगी का मामला मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंचा था। इसके बाद उन्होंने पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल को मामले की जांच कर जल्द खुलासा करने व आरोपियों को दबोचने के आदेश दिए थे। मामला मुख्यमंत्री पहुंचने और एनएसजी से जुड़ा होने के कारण पुलिस इस मामले में पूरी गोपनीयता बरत रही थी।