राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित किया गया पॉक्सो एक्ट से संबंधित कार्यशाला

लखीसराय। महिला एवं बाल विकास निगम के निर्देशानुसार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना अंतर्गत राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पॉक्सो एक्ट से संबंधित कार्यशाला का आयोजन जिला मंत्रणा कक्ष में किया गया। उसके पहले जिलाधिकारी अमरेंद्र कुमार के द्वारा हरी झंड़ी दिखाकर मोबाईल वैन को रवाना किया गया। जो जिला के विभिन्न पंचायतों में …

Update: 2024-01-24 08:06 GMT

लखीसराय। महिला एवं बाल विकास निगम के निर्देशानुसार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना अंतर्गत राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पॉक्सो एक्ट से संबंधित कार्यशाला का आयोजन जिला मंत्रणा कक्ष में किया गया। उसके पहले जिलाधिकारी अमरेंद्र कुमार के द्वारा हरी झंड़ी दिखाकर मोबाईल वैन को रवाना किया गया। जो जिला के विभिन्न पंचायतों में तय कैलेंडर के अनुसार पॉक्सो से सम्बंधित प्रचार प्रसार करेंगे। उसके बाद मंत्रणा कक्ष में सर्वप्रथम जिला पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार, उप विकास आयुक्त कुंदन कुमार, एडीएम सुधांशु शेखर, एसडीएम निशांत, एसडीसी सह डीपीआरओ प्रेम लता कुमारी, डीसीएलआर सितू शर्मा,डालसा सचिव,न्यायिक दंडाधिकारी, आईसीडीएस जिला प्रोग्राम पदाधिकारी रीना कुमारी,जिला परियोजना प्रबंधक ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुरुआत किया।

मौके पर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी एवम बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के द्वारा पौधा भेंट किया गया। इस दौरान आईसीडीएस जिला प्रोग्राम पदाधिकारी रीना कुमारी के द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। जिला परियोजना प्रबंधक मनोज कुमार सिन्हा ने प्रजेंटेशन के माध्यम से पॉक्सो एक्ट के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया गया। उन्होंने बताया कि बच्चों के यौन उत्पीड़न से संबंधित जटिल और संवेदनशील मुद्दों को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2012 में पॉक्सो एक्ट लाया गया था। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को यौन उत्पीड़न से सुरक्षित रखना तथा ऐसे मामले में आरोपी को कठोर सजा दिलाना है। जिला पदाधिकारी ने बताया कि प्रधानाध्यापक को इस कार्यशाला में बुलाने का उद्देश्य है कि सभी बच्चों को अच्छा और बुरा व्यवहार क्या होता है । इसके बारे में बच्चों को सवेदनशील बनाना है। क्योंकि बच्चा को नहीं पता होता है कि क्या सही है क्या गलत है। बिना किसी भय दबाव के बच्चों को बताएं कि अच्छा और बुरा व्यवहार के बारे में।

अभिभावक के साथ कार्यशाला आयोजित करें। उपविकस आयुक्त कुंदन कुमार ने कहा की गुड टच बैड टच के बारे में स्पेशल कक्षा संचालित कर जानकारी देने का निर्देश दिया गया।माइक्रोप्लान के अनुसार पॉक्सो एक्ट के बारे में जागरुक करें। डालसा के सचिव ने बताया कि बच्चा कौन है? उन्होंने बताया कि पॉक्सो एक्ट में 18 वर्ष से कम उम्र से सभी को बच्चा माना गया है।इस अधिनियम की विशेषता यह है कि दोषी व्यक्ति को सबूत पेश करना होगा की वो दोषी नहीं है। इस अधिनियम में बच्चा मतलब लड़का लड़की दोनों को माना गया है। बैड टच गुड टच क्या होता है इसके बारे में बताया गया। प्राइवेट पार्ट को टच करना पॉक्सो एक्ट में माना जायेगा।

जेजेवी के प्रिसिपल ने बताया कि कोई भी पीड़िता 18 वर्ष से कम है तो उसे पॉक्सो एक्ट में माना जाता है, गलत मंशा से किसी का पीछे करना या टच करना भी पॉक्सो एक्ट माना जायेगा,प्रधानाध्यापक को उन्होंने बताया कि बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन को लेकर बच्चों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया गया। पोर्न , शोशल मिडिया के माध्यम से बच्चा गलत दिशा में जा रहा है, बच्चा को पता नहीं होता है कि इस प्रकार के वीडियो को देखना गलत काम है, इसलिए हम सभी विशेषकर प्रधानाध्यापक और शिक्षक की विशेष जिम्मेदारी है कि बच्चों को इस मुद्दों पर संवेदनशील बनाएं।

लेकिन यदि कोई डॉक्टर इलाज के क्रम में प्राइवेट पार्ट को टच करता है तो उसे पॉक्सो एक्ट में नहीं माना जायेगा। अंत में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि पॉक्सो से संबंधित अधिकांश मामले अपने सगे संबंधियों के द्वारा की किया जाता है। जिसको लेकर बच्चा बताने में शर्म महसूस होता है कि उनके अभिभावक यकीन करेंगे की नहीं। इसलिए बच्चों से मित्रवत व्यवहार करना चाहिए,अंत में धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम का समापन किया गया।मौके पर बाल संरक्षण पदाधिकारी रूपेश कुमार,जिला मिशन समन्वयक प्रशांत कुमार, प्रधान सहायक प्रशांत रंजन,केंद्र प्रशासक पूनम कुमारी, लैंगिक विशेषज्ञ नवीन कुमार, उड़ान परियोजना के जिला समन्वयक आरिफ हुसैन, राज अंकुश शर्मा, सभी बाल विकास बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,कॉलेज के प्राचार्य,विद्यालय के प्रधानाध्यापक उपस्थित सहित कई अन्य पदाधिकारी कर्मी उपस्थित थे।

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