वैज्ञानिक युग में भी जादू-टोने-वहम के चक्कर में हो रही हत्याएं

स्वतंत्रता के 76 वर्ष बाद भी देश अंधविश्वासों, वहमों-भ्रमों और जादू-टोने के जाल से मुक्त नहीं हो पाया। जहां लोगों की एक बड़ी संख्या अंधविश्वासों के जाल में फंस कर यौन शोषण, ठगी एवं हिंसा का शिकार हो रही है, वहीं जादू-टोना करने के संदेह में अनेक लोगों को प्राणों से हाथ धोना पड़ रहा …

Update: 2023-12-31 09:01 GMT

स्वतंत्रता के 76 वर्ष बाद भी देश अंधविश्वासों, वहमों-भ्रमों और जादू-टोने के जाल से मुक्त नहीं हो पाया। जहां लोगों की एक बड़ी संख्या अंधविश्वासों के जाल में फंस कर यौन शोषण, ठगी एवं हिंसा का शिकार हो रही है, वहीं जादू-टोना करने के संदेह में अनेक लोगों को प्राणों से हाथ धोना पड़ रहा है :

* 5 सितम्बर को खूंटी (झारखंड) जिले के सेरेंग हातु गांव में कुछ लोगों ने ‘पिशाच’ करार देकर भानू मुंडा नामक 65 वर्षीय व्यक्ति पर तेजधार हथियार से हमला करके उसका सिर धड़ से अलग कर दिया।
* 5 सितम्बर को ही बोकारो (झारखंड) जिले के ‘बनचास’ गांव में 55 वर्षीया महिला फूलमणि को गांव के ही 2 लोगों ने डायन होने के संदेह में कुल्हाड़ी से काट डाला।
* 6 सितम्बर को रांची (झारखंड) के ‘सोनाहपुट’ थाने के गांव ‘रनडीह’ में 8 लोगों ने जादू-टोना करने के संदेह में 3 महिलाओं को पीट-पीट कर मार डाला। आरोपियों में मृतक महिला का पति भी शामिल पाया गया।

* 13 अक्तूबर को कटिहार (बिहार) के ‘फलका’ थाना में क्षेत्र में ‘महादलित टोला गांव’ में बुगिया देवी नामक वृद्ध महिला की रात को सोते समय तेजधार हथियार से हत्या कर दी गई।
मृतका की बहू पूनम देवी ने गांव के ही एक व्यक्ति पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपने पिता की मौत के बाद वह हमेशा बुगिया देवी को डायन कह कर प्रताडि़त करता और जान से मारने की धमकी देता था।

* 19 अक्तूबर को दुमका (झारखंड) जिले के ‘बीराबथान’ गांव में कांत हेम्ब्रम नामक युवक ने डायन बताकर अपनी मां की गला दबाकर हत्या कर दी। कांत हेम्ब्रम को शक था कि उसकी मां ने ही कुछ महीने पहले डायन बन कर उसके बेटे को मार डाला था।
* 20 अक्तूबर को गुजरात के जामनगर जिले के ‘हजामचोरा’ गांव में धार्मिक अनुष्ठान के नाम पर एक भाई-बहन ने मिल कर अपनी छोटी बहन को निर्वस्त्र कर जमीन पर लिटाकर पहले उस पर लाठी-डंडों से वार किए और फिर चाकू घोंप कर उसकी हत्या कर दी।
पुलिस की जांच-पड़ताल के दौरान आरोपी भाई-बहन ने बताया कि उन्हें लगता था कि यदि छोटी बहन जिंदा रही तो परिवार के किसी सदस्य की मौत हो जाएगी और इसी अंधविश्वास में दोनों ने अपनी बहन को मार डाला।

* 23 अक्तूबर को इटावा (मध्य प्रदेश) में मानसिक रूप से बीमार युवती के परिजनों के संपर्क में आए एक तांत्रिक ने युवती पर भूत प्रेत का साया होने की बात कह कर उसे तंत्र क्रिया द्वारा स्वस्थ करने का दावा किया।
इसके लिए युवती की गर्दन पर खड़ा होकर क्रिया को अंजाम देने लगा और उसके बाद हवन आदि करके भूत भगाने के लिए युवती को शारीरिक यातनाएं दीं जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई।

* 31 अक्तूबर को शहडोल (मध्य प्रदेश) के गांव ‘पतेरा टोला’ में जादू- टोना करने के संदेह में एक युवक ने अपने चचेरे भाई की हत्या कर दी।
* 21 नवम्बर को जशपुर (छत्तीसगढ़) जिले के नारायणपुर में एक व्यक्ति ने एक महिला की हत्या कर दी। व्यक्ति को शक था कि उस महिला ने उसके बेटे पर जादू-टोना कर दिया है जिस कारण वह बीमार रहता है।
* 2 दिसम्बर को पलामू (झारखंड) जिले के ‘बसरिया कलां’ गांव में एक विधवा की जमीन हड़पने के लिए उसे डायन बताकर उसके ही देवर और 2 बेटों ने डंडों से पीट-पीट कर मार डाला और लाश कुएं में फैंक दी।

उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि आज के वैज्ञानिक युग में भी लोगों पर अंधविश्वासों और जादू-टोने का कितना अधिक प्रभाव है, जिसके अधीन वे सच्चाई जाने बगैर ही आवेश में आकर हत्या जैसा अपराध करने से भी संकोच नहीं करते। इसके साथ ही बिना सोचे-विचारे इस तरह के अपराध करने वालों या लोगों को वहम-भ्रम के चक्कर में डाल कर ठगने वालों को कड़ी सजा देने की भी जरूरत है, ताकि ऐसे लोगों की अज्ञानतावश निर्दोष लोगों को मरने से बचाया जा सके।—विजय कुमार

Similar News

-->