पूजा रूम घर के पूजा घर में यहां दी गई चीजों को रखने से बचना चाहिए। ये घर के सुख- समृद्धि में बांध बन सकती है।घर में मंदिर वह स्थान होता है, जहां जाकर शांति महसूस होती है। ऐसा कहा जाता है की किसी भी व्यक्ति का मन अशांत हो, तो वह मंदिर में जाकर शांति का प्रार्थना कर सकता है। घर का मंदिर सकारात्मक ऊर्जा का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है। इसलिए घर के मंदिर को हमेशा साफ- सुथरा रखने की सलाह दी जाती है। ऐसा कहा जाता है की घर के मंदिर में वही वस्तुएं रखनी चाहिए, जिससे सकारात्मक ऊर्जा आए। साथ ही ऐसी कोई भी चीज को मंदिर में रखने से माना किया जाता है, जिससे नकारत्मक ऊर्जा आती हो। अब ऐसे में कई लोग इन चीजों के बारे में बिल्कुल पता नही होता है। इसलिए आज हम आपको घर के मंदिर में ऐसी कौन- सी चीज नही रखनी चाहिए? इसके बारे में बताने वाले है, तो चलिए जानते है।
भगवान के रौद्र रूप की तस्वीर,अगर घर में सुख समृद्धि चाहते है, तो घर के मंदिर में भगवान के रौद्र रूप की कोई भी मूर्ति या तस्वीर को तुरंत हटा देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कोई भी तस्वीर जो गुस्से में दिखाई देती हो, तो वह घर में कलह कलेश का कराण बन सकती है। ध्यान रहें शिव जी के नटराज रूप की मूर्ति और भगवान हनुमान के रौद्र अवतार की तस्वीर तो घर के मंदिर में नही रखनी चाहिए।
टूटी हुई मूर्तियां,आपके घर के मंदिर में अगर किसी भी भगवान की मूर्ती टूट गई हो, तो उसे पूजा घर से तुंरत हटा दें। ऐसा इसलिएकिया जाता है, क्योंकि टूटी हुई मूर्ती की पूजा भगवान स्वीकार नही करते है। इसके अलावा चाहे अनचाहे हमे इसका नकारत्मक फल मिल सकता है।
पितरों की तस्वीर,अक्सर लोग मंदिर में भगवान की प्रतिमा के साथ मृत पूर्वजों की भी तस्वर लगा देते है। ऐसा करने से भगवान और पितरों दोनों का अपमान होता है। पूजा घर में पितरों की तस्वीर भगवान के साथ रखने के दुभाग्य आता है। इसलिए पितरों की तस्वीर को कभी भी घर के मंदिर में नही रखना चाहिए।
एक से अधिक शंखवास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर में एक से ज्यादा शंख नही रखना चाहिए। इससे घर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कई लोग घर के मंदिर में कई सारे शंख रख लेते है। लेकिन ये वास्तु शास्त्र के अनुसार गलत माना जाता है। इससे घर में सुख- समृद्धि नही आती है।
भगवान की एक से ज्यादा मूर्तियां,अक्सर लोग श्रद्धा के कराण एक ही भगवान की एक से ज्यादा मूतियों को घर के मंदिर में रखते है। ऐसा करने से घर में खुशहाली आने के बजाए कलश और कलेश होने लगते है। ऐसा माना जाता है हम जिस स्थान पर पूजा करते है वहां पर एक ही भगवान की एक से ज्यादा मूर्तियां नही होनी चाहिए।