जनता से रिश्ता वेबडेस्क| त्योहारी सीजन (Festive Season) में बढ़ी मांग को देखते हुए भारतीय रेलवे (Indian Railways) आज यानी 20 अक्टूबर 2020 से 392 स्पेशल ट्रेनें (Special Trains) शुरू कर रहा है. ये फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें (Festival Special Trains) कोलकाता, पटना, वाराणसी, लखनऊ और दिल्ली से चलेंगी ताकि दुर्गा पूजा, दशहरा, दिवाली, छठ पूजा पर यात्रियों की जबरदत मांग को पूरा किया जा सके. फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों के साथ ही लॉकडाउन के बाद अब तक शुरू की जा चुकीं ट्रेनों के लिए आरपीएफ (RPF) ने सख्त नियम जारी किए हैं. इनको तोड़ने वाले दोषी को 5 साल तक की जेल (Imprisonment) के साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है. बता दें कि रेलवे ने कोविड-19 के कारण 22 मार्च से सभी पैसेंजर ट्रेनों (Passenger Trains) पर रोक लगा रखी है. हालांकि, मांग के मुताबिक नियमित रूप से 300 से ज्यादा स्पेशल मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जा रही हैं.
रेलवे ने जारी कर दी है 196 जोड़ी स्पेशल ट्रेनों की सूची
रेलवे ने 12 सितंबर से 80 अतिरिक्त ट्रेनें चलाई हैं, जिन्हें क्लोन ट्रेन नाम दिया गया है. आईआरसीटीसी ने 17 अक्टूबर से प्राइवेट 'तेजस' ट्रेनों की सेवा बहाल कर दी है. इसके अलावा हाल में रेलवे ने विभिन्न जोन्स को 39 नई ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है. रेलवे ने त्योहारों को देखते हुए 196 जोड़ी यानी 392 स्पेशल ट्रेनों की लिस्ट जारी कर है. ये ट्रेनें 20 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच चलेंगी. रेल मंत्रालय ने कहा है कि त्योहारी सीजन पर यात्रियों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. ये ट्रेनें कम से कम 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी. इन ट्रेनों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा आईआरसीटीसी वेबसाइट और पीआरएस टिकट काउंटर्स पर उपलब्ध होगी.
सामान्य ट्रेनों से 30% ज्यादा होगा स्पेशल ट्रेनों का किराया
रेलवे इन फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों में सामान्य से ज्यादा किराया (Fare Hike) वसूलेगा. रेलवे कल से देश के अलग-अलग व्यस्त रूट्स (Busy Routs) पर फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें चलाना शुरू कर रहा है. फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों का किराया आम ट्रेनों के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा होगा यानी इन ट्रेनों में सफर करने के लिए मुसाफिरों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी. बता दें कि रेलवे आम दिनों में हर दिन करीब 12 हजार ट्रेनें चलाता रहा है, लेकिन कोरोना संकट (Coronavirus Crisis) के बीच मांग के मुताबिक धीरे-धीरे ट्रेनें शुरू की जा रही हैं. वहीं, रेलवे ने सख्त यात्रा नियम (Travelling Rules) जारी किए हैं. साथ ही हिदायत दी है कि इन निमयों को तोड़ने पर जेल जाना पड़ सकता है.
कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी सफर करने पर होगी सजा
रेलवे ने साफ किया है कि मास्क नहीं पहनने, कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने और कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी सफर करने वालों रेल अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा. नियम तोड़ने पर यात्री को कैद के साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है. रेलवे पुलिस फोर्स (RPF) के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि रेल परिसर में मास्क नहीं पहनने या सही तरीके से नहीं पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई होगी. संक्रमण की पुष्टि होने या टेस्ट रिपोर्ट लंबित रहने के दौरान स्टेशन पर आने या ट्रेन में सवार होने या स्टेशन पर हेल्थ टीम की मंजूरी नहीं मिलने के बाद भी ट्रेन में सवार होने पर जेल जाना होगा. सार्वजनिक जगहों पर थूकना भी अपराध माना जाएगा.
यात्रा के लिए इन दिशा निर्देशों का पालन जरूरी
रेलवे की तरफ से गाइडलाइंस के अनुसार स्टेशन पर एंट्री केवल कंफर्म टिकट के जरिये ही की जा सकेगी.
यात्रियों को यात्रा के समय से करीब 90 मिनट पहले स्टेशन पहुंचना होगा, ताकि थर्मल स्क्रीनिंग की प्रक्रिया को आसानी से पूरा किया जा सके.
सफर करने के लिए सभी यात्रियों के लिए आरोग्य सेतु APP को डाउनलोड करना जरूरी है.
यात्रा के दौरान कंबल, चादर, पर्दे रेलवे की ओर से उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे.
ट्रेन पर चढ़ते समय और यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को पालन करना जरूरी होगा.
रेलवे स्टेशन पर सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी और Asymptomatic यानी कोरोना वायरस का कोइ भी लक्षण न दिखाने वाले यात्रियों को ही ट्रेन में एंट्री मिलेगी.
ट्रेन में एंट्री करते समय और यात्रा के दौरान मास्क पहना जरूरी होगा.