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युवकों ने जापानी कंपनी पर किया मुकदमा, 40.6 करोड़ रुपए हर्जाने की मांग

Neha Dani
28 Jan 2022 4:01 AM GMT
युवकों ने जापानी कंपनी पर किया मुकदमा, 40.6 करोड़ रुपए हर्जाने की मांग
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पूर्वोत्तर जापान में 2011 की आपदा में लगभग 18,500 लोग मारे गए या लापता हो गए, जिनमें से अधिकांश सूनामी से मारे गए थे.

6 जापानी युवकों ने फुकुशिमा परमाणु प्लांट का संचालन करने वाली कंपनी पर मुकदमा दायर किया है. उनका आरोप है कि 2011 में प्लांट में मेल्टडाउन होने पर विकिरण के संपर्क में आने के बाद उन्हें थायराइड कैंसर हो गया है. इसको लेकर पीड़ितों के वकीलों ने टोक्यो डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मार्च किया, जहां दर्जनों समर्थक इकट्ठा हुए.

हेल्थ इश्यू को लेकर कंपनी पर पहली बार मुकदमा
बता दें कि प्लांट का संचालन टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (TEPCO) करती है. यह पहली बार है, जब किसी ने कंपनी के खिलाफ स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को लेकर मुकदमा दायर किया है. पीड़ियों की उम्र 7 से 27 वर्ष के बीच है. वह उस वक्त फुकुशिमा क्षेत्र में रह रहे थे, जब 11 मार्च, 2011 को एक बड़े भूकंप ने सुनामी पैदा की, जिससे यह परमाणु आपदा हुई थी.
मुआवजे के तौर पर 5.4 मिलियन डॉलर की मांग
उनके वकीलों ने कहा कि विकिरण से प्रभावित उनके सभी थायरॉयड ग्रंथियों को हटाने के लिए सर्जरी की गई है. पीड़ित मुआवजे के तौर पर 616 मिलियन येन (करीब 40 करोड़ 60 लाख रुपए) की मांग कर रहे हैं. हालांकि, पिछले साल संयुक्त राष्ट्र के एक विशेषज्ञ पैनल ने यह निष्कर्ष निकाला था कि आपदा ने क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए सीधे तौर पर कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या पैदा नहीं की थी.
WHO ने कैंसर न होने की कही थी बात
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने साल 2013 की अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि आपदा से इस क्षेत्र में कैंसर की दर में कोई वृद्धि नहीं होगी. हालांकि, 2018 में जापानी सरकार ने घोषणा की कि विकिरण के संपर्क में आने से एक मजदूर की मृत्यु हो गई. ऐसे में उसके परिवार को मुआवजा दिया जाना चाहिए.
कंपनी ने कानूनी ढंग से निपटने की बात कही
हालांकि, शिकायतकर्ताओं का दावा है कि उनको कैंसर प्लांट के एक्सपोजर के कारण ही हुआ है, क्योंकि उनमें से किसी की भी फैमिली में थायराइड कैंसर का इतिहास नहीं रहा है. वहीं, TEPCO के प्रवक्ता ताकाहिरो यामातो ने बताया कि कंपनी मांगों और दावों पर स्टडी करने के बाद कानूनी शिकायत से निपटेगी.
चेरनोबिल के बाद सबसे बड़ा था हादसा
बता दें कि फुकुशिमा दाइची प्लांट की घटना साल 1986 की चेरनोबिल आपदा के बाद से सबसे भयानक परमाणु दुर्घटना थी, जिसके बाद लोगों में बड़ी संख्या में थायराइड कैंसर का पता चला था. पूर्वोत्तर जापान में 2011 की आपदा में लगभग 18,500 लोग मारे गए या लापता हो गए, जिनमें से अधिकांश सूनामी से मारे गए थे.

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