विश्व

आप भी पढ़ लें नहीं तो पड़ सकता है भारी, UAE में दूतावास ने भारतीयों को किया आगाह

Admin4
22 Aug 2022 2:09 PM GMT
आप भी पढ़ लें नहीं तो पड़ सकता है भारी, UAE में दूतावास ने भारतीयों को किया आगाह
x

न्यूज़क्रेडिट: आजतक 

यूएई में भारतीय दूतावास ने साइबर क्राइम से जुड़ा जरूरी अलर्ट जारी किया है. दरअसल, कुछ साइबर अपराधी दूतावास का फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर लोगों से ठगी कर रहे हैं. आरोपी उन लोगों को निशाना बनाते हैं जो किसी तरह की जरूरत में है जिस वजह से वे आसानी से झांसे में आ जाते हैं. ट्विटर अकाउंट को आधिकारिक दिखाने के लिए आरोपी लगातार ट्वीट करते हैं जिनमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को टैग भी करते हैं.

इतना ही नहीं, ये साइबर फ्रॉड भारत सरकार के ऑफिशियल ट्विटर हैंडलों को फॉलो भी करते हैं और समय-समय पर भारत से जुड़ी जानकारियों को री ट्वीट भी करते हैं. इससे किसी को भी देखकर ऐसा लगता है कि यह आधिकारिक ट्विटर हैंडल है, जिसके जरिए मदद ली जा सकती है. मदद के ही नाम पर पहले आरोपी परेशान लोगों को फंसाते हैं और फिर किसी ने किसी जरिए उनसे पैसा ठग लेते हैं.

इस नाम से चला रहे फेक अकाउंट

साइबर फ्रॉड लोगों को ठगने के लिए @embassy_help नाम से ट्विटर हैंडल चला रहे हैं. इनका पेज किसी भी आम भारत से जुड़े सरकारी पेज जैसा ही है, जिससे लोग आसानी से इनका शिकार हो जाते हैं. आरोपियों की ईमेल आईडी भी [email protected] नाम से है जिसे देखकर ही ऑफिशियल जैसा महसूस होता है लेकिन ये पूरी तरह फेक है.

इन लोगों को बनाते हैं अधिकतर शिकार

ये साइबर ठग लोगों से उनकी मदद करने के नाम पर 15 हजार रुपयों से लेकर 40 हजार रुपयों तक ठग लेते हैं. पीड़ितों में अधिकतर वो लोग शामिल होते हैं जिन्हें यूएई से भारत के लिए हवाई टिकट की जरूरत है, या वीजा से जुड़ा कुछ काम है. जब काफी संख्या में लोग इनकी ठगी का शिकार हुए तो अबू धाबी में इंडियन एम्बेसी में शिकायतों का अंबार लग गया. जिसके बाद अब भारतीय दूतावास ने अलर्ट जारी किया है.

भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने खलीज टाइम्स अखबार से बात करते हुए कहा कि एम्बेसी के नाम से फर्जी सोशल मीडिया हैंडल बनाया गया है. जब लोग सोशल मीडिया पर भारत के प्रधानमंत्री या अन्य आधिकारिक लोगों को टैग करके मदद मांगते हैं तो फ्रॉड उनसे खुद को ऑफिशियल दिखाते हुए संपर्क करते हैं. जिसके बाद ये सभी फ्रॉड लोग मासूम लोगों को ठगना शुरू कर देते हैं और मदद करने के नाम पर पैसे ऐंठते हैं.

भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि इन लोगों का शिकार अबू धाबी से शवों को भारत ले जाने के लिए मदद मांगने वाले लोग और आर्थिक संकट में फंसे लोग भी आसानी से बन जाते हैं. आरोपी पहले उनसे बात करते हैं और फिर फ्लाइट टिकट अरेंज करने के नाम पर उनसे पचास फीसदी पैसा रिफंडेबल बोलकर मांगते हैं. मजबूरी में लोग उन्हें किसी तरह नेट बैंकिंग के जरिए पैसा देते हैं, जिसके बाद से ही आरोपियों की ओर से जवाब आना बंद हो जाता है.

पर्सनल डिटेल्स शेयर करने पर ऐसा हाल करते हैं ठग

भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि ठगों का सिर्फ एक ही तरीका नहीं है. कुछ मामलों में इन्होंने पीड़ितों से अपनी फेक ईमेल आईडी पर पर्सनल डिटेल्स मंगवाई और उसके बाद जिस कंपनी में पीड़ित काम करते हैं, उनके बड़े अफसरों और कंपनी एचआर के खिलाफ आपत्तिजनक मैसेज बनाकर उन लोगों की कंपनियों को भेज देते हैं. जिसके बाद कंपनियां उन पीड़ितों पर एक्शन भी लेती हैं. पहले ही वो लोग काफी परेशानी में होते हैं और उन्हें फ्रॉड और ज्यादा संकट में डाल देते हैं.

प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान में एम्बेसी ऐसे तीन-चार मामलों को देख रहा है, जिनके साथ ऐसा किया गया है. ठगों की हरकत की वजह से कुछ पीड़ित कंपनियों की ओर से कानूनी कार्रवाई झेल रहे हैं तो कई लोग तो अपनी नौकरी भी खो चुके हैं तो कुछ लोगों ने बिना गलती फाइन भी भरा है.

भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि यह एक बड़ा रैकेट बनता जा रहा है. आरोपी खुद को आधिकारिक दिखाने के लिए फेक ट्विटर हैंडल को लगातार चला रहे हैं और भारत के प्रधानमंत्री समेत अन्य मंत्रियों के ट्विटर हैंडलों पर भी नजर रखते हैं. प्रवक्ता ने बताया कि हमें अपनी आधिकारिक मेल आईडी पर लगातार इन मामलों की शिकायत मिल रही हैं जिनको लेकर गंभीरता से जांच की जा रही है.

भारतीय दूतावास की वेबसाइट से लें ऑफिशियल डिटेल्स

इंडियन एम्बेसी की ओर से बताया गया कि हमें डर है कि और ज्यादा लोग इन ठगों के शिकार न बन जाएं, इसलिए लोगों का लगातार जागरूक किया जा रहा है. अगर किसी को एम्बेसी से किसी तरह का संपर्क करना है तो एम्बेसी की ईमेल आईडी, ट्विटर हैंडल, फेसबुक आईडी और फोन नंबर आधिकारिक वेबसाइट पर दिया गया है.

Next Story