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यमन : गिरती मुद्रा और बिगड़ती अर्थव्यवस्था से परेशान होकर सड़कों पर उतरे लोग, सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर चलाई गोलियां

Renuka Sahu
28 Sep 2021 3:14 AM GMT
यमन : गिरती मुद्रा और बिगड़ती अर्थव्यवस्था से परेशान होकर सड़कों पर उतरे लोग, सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर चलाई गोलियां
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फाइल फोटो 

यमन में बढ़ रही गरीबी और मुद्रा में हो रही गिरावट की वजह से जबरदस्त प्रदर्शन हुए हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यमन (Yemen) में बढ़ रही गरीबी और मुद्रा में हो रही गिरावट की वजह से जबरदस्त प्रदर्शन (Protest in Yemen) हुए हैं. यमन के तीसरे सबसे बड़े शहर ताइज (Taiz) में सोमवार को प्रदर्शन हुआ, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं. गोलियां चलने से मची अफरा-तफरी में 7 लोग घायल हुए हैं.

इस शहर पर सऊदी अरब (Saudi Arabia) समर्थित सरकार के का कब्जा है और यहां पर क्षेत्रों में व्यापक गरीबी फैली हुई है. चश्मदीदों ने कहा कि दर्जनों लोगों ने दक्षिण-पश्चिम शहर में सड़कों को ब्लॉक कर दिया. इसके साथ ही जलते हुए टायरों के साथ प्रदर्शन किए गए.
प्रदर्शनकारियों ने बढ़ती महंगाई और मुद्रा में तेजी से हो रही गिरावट की वजह से भी प्रदर्शन किए. इस महीने की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार द्वारा नियंत्रित अदन (Aden) और अन्य दक्षिणी शहरों में हिंसक विरोध प्रदर्शनों में तीन लोग मारे गए. सरकार को 2014 में ईरान (Iran) समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा राजधानी सना (Sanaa) बाहर कर दिया गया. तीन चश्मदीदों ने कहा कि सोमवार को ताइज में सुरक्षाबलों और हथियारबंद लोगों ने प्रदर्शनकारियों को सऊदी समर्थित राष्ट्रपति के पोस्टर को फाड़ने से रोकने के लिए हवा में गोलियां चलाईं.
छह सालों से जारी जंग से बिगड़ी अर्थव्यवस्था
पुलिस प्रवक्ता ओसामा अल-शराबी ने कहा कि सुरक्षाबल शांतिपूर्ण तरीके से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. लेकिन सार्वजनिक और निजी हितों पर किसी भी हमले की मंजूरी नहीं दी जाएगी. हूती विद्रोहियों और सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच छह सालों से जंग जारी है.
जंग की वजह से अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा उठी है और इस गरीब अरब प्रायद्वीप राष्ट्र में विदेशी मुद्रा भंडार बिल्कुल खत्म हो चुका है. यमन की अर्थव्यवस्था पर जंग का बेहद ही बुरा असर देखने को मिला है, क्योंकि ये अपनी जरूरत का बड़ा हिस्सा आयात करता है.
यमन की बुरी स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी 80 फीसदी आबादी सहायता पर निर्भर है और लाखों लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि यमन दुनिया के सबसे बड़े मानवीय संकट का सामना कर रहा है. सऊदी अरब के समर्थन वाली सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के लोगों का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रही है. इसने घाटे से निपटने के लिए पैसे छापने का सहारा लिया है. (


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