विश्व
शी जिनपिंग और बाइडेन की मुलाकात, ताइवान मुद्दे पर चीनी ड्रैगन को शांत करने की हुई कोशिश
Rounak Dey
15 Nov 2022 8:02 AM GMT

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संबंधों में सुधार से दोनों देशों के मौलिक हितों की पूर्ति होगी लेकिन उन्होंने इस बैठक की पुष्टि नहीं की।
नुसा दुआ: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक में ताइवान के प्रति चीन की ''दमनात्मक और आक्रामक कार्रवाइयों'' पर आपत्ति जताई। इसके साथ ही उन्होंने शिनजियांग, तिब्बत तथा हांगकांग में चीन द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर चिंताओं को उठाया। अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी। व्हाइट हाउस ने लगभग तीन घंटे के सत्र पर एक बयान में कहा कि बाइडन ने शी से कहा कि अमेरिका चीन के साथ ''कड़ी प्रतिस्पर्धा करना जारी रखेगा'' लेकिन ''प्रतिस्पर्धा संघर्ष में नहीं बदलना चाहिए।''
विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों की प्रतिस्पर्धा के साथ बाइडन-शी के बीच बैठक का उद्देश्य मतभेदों को कम करना था। बाइडन ने सोमवार को बाद में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें बैठक पर चर्चा की गई। व्हाइट हाउस ने कहा कि बाइडन और शी इस बात पर भी सहमत हुए कि ''परमाणु युद्ध कभी नहीं लड़ा जाना चाहिए'' और न ही इसे जीता जा सकता है, तथा यूक्रेन में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल या खतरे के प्रति अपने विरोध को रेखांकित किया।'' बाइडन-शी की बातचीत में पिछले करीब नौ महीने से यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच रूसी अधिकारियों के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर संदर्भ दिया गया।
ऑस्ट्रेलिया के पीएम जिनपिंग से करेंगे मुलाकात
आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने सोमवार को कहा कि वह शीघ्र ही चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलेंगे। पिछले पांच साल में, दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों की यह पहली आमने-सामने की मुलाकात होगी। अल्बनीज ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर वह इंडोनेशिया के बाली द्वीप में मंगलवार को शी से भेंट करेंगे। जब बाली में एक संवाददाता ने उनसे पूछा कि वह इस बात को लेकर कितने आशान्वित हैं कि इस भेंट के बाद चीन उन सरकारी एवं गैर सरकारी व्यापार बाधाओं को हटाएगा जिनकी वजह से हर साल आस्ट्रेलिया के निर्यातकों पर 13 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है, तब उन्होंने इसका सीधा जवाब नहीं दिया।
क्या बोले एंथनी अल्बनीज
अल्बनीज ने कहा, '' हम अच्छी भावना से इस वार्ता में कदम रख रहे है। इस वार्ता के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं है।'' यह भेंट उस द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़े बदलाव का संकेत है, जिसमें आस्ट्रेलिया की पिछली कंजरवेटिव सरकार के नौ साल के शासनकाल में काफी गिरावट आ गयी थी। चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि संबंधों में सुधार से दोनों देशों के मौलिक हितों की पूर्ति होगी लेकिन उन्होंने इस बैठक की पुष्टि नहीं की।
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Rounak Dey
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