
इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पत्र लिखकर नेशनल असेंबली को भंग करने की मांग की है. गौरतलब है कि सरकार ने तीन दिन शेष रहते संसद रद्द करने की बात कही है. सरकार ने चुनाव में अधिक समय लेने के लिए यह फैसला लिया है. यदि संसद समय सीमा से पहले भंग हो जाती है, तो चुनाव आयोग को 90 दिनों के भीतर नए सिरे से चुनाव कराने होंगे। यदि संसद का कार्यकाल समाप्त हो जाता है तो 60 दिनों के भीतर चुनाव कराने होंगे। इसी सिलसिले में शहबाज शरीफ सरकार ने तीन दिन पहले ही संसद भंग करने की सिफारिश की है.राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पत्र लिखकर नेशनल असेंबली को भंग करने की मांग की है. गौरतलब है कि सरकार ने तीन दिन शेष रहते संसद रद्द करने की बात कही है. सरकार ने चुनाव में अधिक समय लेने के लिए यह फैसला लिया है. यदि संसद समय सीमा से पहले भंग हो जाती है, तो चुनाव आयोग को 90 दिनों के भीतर नए सिरे से चुनाव कराने होंगे। यदि संसद का कार्यकाल समाप्त हो जाता है तो 60 दिनों के भीतर चुनाव कराने होंगे। इसी सिलसिले में शहबाज शरीफ सरकार ने तीन दिन पहले ही संसद भंग करने की सिफारिश की है.पाकिस्तान सरकार ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पत्र लिखकर नेशनल असेंबली को भंग करने की मांग की है. गौरतलब है कि सरकार ने तीन दिन शेष रहते संसद रद्द करने की बात कही है. सरकार ने चुनाव में अधिक समय लेने के लिए यह फैसला लिया है. यदि संसद समय सीमा से पहले भंग हो जाती है, तो चुनाव आयोग को 90 दिनों के भीतर नए सिरे से चुनाव कराने होंगे। यदि संसद का कार्यकाल समाप्त हो जाता है तो 60 दिनों के भीतर चुनाव कराने होंगे। इसी सिलसिले में शहबाज शरीफ सरकार ने तीन दिन पहले ही संसद भंग करने की सिफारिश की है.राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पत्र लिखकर नेशनल असेंबली को भंग करने की मांग की है. गौरतलब है कि सरकार ने तीन दिन शेष रहते संसद रद्द करने की बात कही है. सरकार ने चुनाव में अधिक समय लेने के लिए यह फैसला लिया है. यदि संसद समय सीमा से पहले भंग हो जाती है, तो चुनाव आयोग को 90 दिनों के भीतर नए सिरे से चुनाव कराने होंगे। यदि संसद का कार्यकाल समाप्त हो जाता है तो 60 दिनों के भीतर चुनाव कराने होंगे। इसी सिलसिले में शहबाज शरीफ सरकार ने तीन दिन पहले ही संसद भंग करने की सिफारिश की है.