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लेकिन अदालत ने बिना बगैर रिकॉर्ड देखे ही सजा सुनाई है.
जेल में बंद कुर्दिश नेता की पत्नी को मेडिकल रिपोर्ट में हुई छोटी से चूक बहुत भारी पड़ गई. इस मामले में महिला को ढाई साल जेल की सजा दी गई है. सजा के बाद राजनीतिक उत्पीड़न को लेकर इस केस की हर जगह आलोचना हो रही है. गुरुवार को कोर्ट ने बसक डेमिर्त और उनके डॉक्टर को 30-30 महीने की सजा सुनाई है.
गर्भपात को लेकर गलत रिपोर्ट
'गार्जियन' की रिपोर्ट के मुताबिक महिला ने अपने गर्भपात को लेकर गलत रिपोर्ट पेश की थी. इस केस में आरोप मार्च 2018 में लगाए गए थे जबकि मामला 2015 का है. महिला दो सर्जरी के लिए साल 2015 में अस्पताल में भर्ती हुई थी. लीगल टीम के मुताबिक पेशे से टीचर इस महिला को 11 दिसंबर को डॉक्टर ने 5 दिन की मेडिकल लीव दी थी लेकिन गलती से यह तारीफ 14 दिसंबर हो गई.
इसके बाद महिला ने 2015-16 के सेकंड हाफ में अपनी रिकवरी के लिए स्कूल से अनपेड लीव ली थी. हालांकि डॉक्टर की रिकॉर्ड बुक और महिला की छुट्टी में अंतर पाया गया क्योंकि वहां गलती से डेट अलग-अलग हो गई थी. इस घटना पर तुर्की में यूरोपियन पार्लियामेंट के प्रतिनिधि ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में क्लर्क लेवल की गलती के लिए महिला को ढाई साल जेल की सजा सुनाई गई है यह किसी भी रूप में कॉमन सेंस के दायरे से बाहर है. उन्होंने तुर्की की न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया है.
पूर्व कुर्दिश नेता हैं महिला के पति
महिला के पति सेलाहतिन डेमिर्त पूर्व में कुर्दिश नेता रह चुके हैं. साथ ही हजारों हाई प्रोफाइल नेताओं के साथ, जजों, सिविल सरवेंट को हाल के दिनों में तुर्की की जेल में भेजा गया है जिनमें सेलाहतिन भी शामिल हैं. उनकी पार्टी ने साल 2015 में रजब तैयब एर्दोगन की पार्टी का सफाया करते हुए बहुमत हासिल किया था जिसके बाद ऐसे लोगों पर आतंकवाद से लेकर 100 से ज्यादा चार्ज लगाए गए हैं. हालांकि जेल में बंद सभी नेता ऐसे आरोपों का खंडन कर चुके हैं.
यूरोपियन ह्यूमन राइट कोर्ट ने तत्काल सेलाहतिन की रिहाई की मांग की है. इसके अलावा डियर्बकिर कोर्ट के फैसले पर महिला के वकीलों ने कहा कि अस्पताल की रिकॉर्ड बुक में उनके मौजूद होने की तारीखों को सबूत के रूप में पेश किया जाना चाहिए ताकि यह दिखाया जा सके कि गलती की गई थी. लेकिन अदालत ने बिना बगैर रिकॉर्ड देखे ही सजा सुनाई है.
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