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16 जगह घाव, हाथ और कोहनी की हड्डी टूटी: टेंट में सो रहे वाइल्ड लाइफ रिसर्चर पर शेर ने किया हमला, ऐसे बची जान

jantaserishta.com
24 Dec 2020 12:01 PM GMT
16 जगह घाव, हाथ और कोहनी की हड्डी टूटी: टेंट में सो रहे वाइल्ड लाइफ रिसर्चर पर शेर ने किया हमला, ऐसे बची जान
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फाइल फोटो 

अपने जीवन के सबसे मुश्किल पांच मिनटों का सामना करना पड़ा.

दक्षिण अफ्रीका में बोट्सवाना के जंगलों में एक वाइल्ड लाइफ रिसर्चर शेर के हमले से बाल-बाल बच गए. नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी द्वारा फंडेड वाइल्ड बर्ड ट्रस्ट के आठ लोग इन जंगलों में वाइल्डलाइफ रिसर्च करने पहुंचे थे जिनमें से 32 साल के रिसर्चर गोट्स नीफ को अपने जीवन के सबसे मुश्किल पांच मिनटों का सामना करना पड़ा. दरअसल रात के लगभग डेढ़ बजे नीफ के टेंट के बाहर उन्हें एक जानवर के नाक और सर की परछाई दिखी. खतरे का आभास होते देख उन्होंने जोर से अपने टेंट के अंदर से ही शेर की नाक पर मुक्का जड़ दिया. हालांकि शेर ने भी नीफ पर हमला कर दिया और उन्हें खाने के लिए पूरी ताकत से टूट पड़ा.

दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में रहने वाले डॉ वोन वाइल्ड बर्ड ट्रस्ट के रिसर्च डायरेक्टर हैं. वे नीफ की चीखें सुनकर फौरन उनके पास पहुंचे थे. इस घटना के बारे में बात करते हुए डॉ वोन ने कहा था कि मुझे नीफ की आवाज सुनकर लगा कि वो बहुत मुसीबत में है और मैं फौरन भागा. मेरे पास सिर्फ मेरी हेड टॉर्च थी और मैंने देखा कि मेरे सामने वो शेर नीफ के टेंट को उखाड़ने की कोशिश कर रहा था.
उन्होंने आगे कहा कि उसका एक पंजा नीफ पर था और वो उसे काबू में करने की कोशिश कर रहा था. वही नीफ भी लगातार संघर्ष कर रहा था. मैंने उस पर वहां पड़ी हाथी की लीद फेंकी, पेड़ों की टहनियां फेंकी लेकिन उसे कोई असर नहीं हुआ. अब वो शेर नीफ की कोहनी तक पहुंच गया था और उसे खाने की कोशिश कर रहा था.
डॉ वोन ने बताया कि हम दोनों ही चिल्ला रहे थे, इसके बाद मैं उस शेर के पास जाकर एक लकड़ी से हमला करने लगा लेकिन उस पर किसी भी तरह का असर नहीं हो रहा था क्योंकि ये शेर काफी भूखा था. इसके बाद हमारे हेड रेंजर ने इस शेर पर फ्लैश बैंगर फेंक कर मारा. फ्लैश बैंगर के चलते बहुत तेज आवाज होती थी और इससे कुछ सेकेंड्स के लिए जबरदस्त प्रकाश फैल जाता है. इसके चलते शेर की आंखें कुछ देर के लिए चौंधिया गईं.
उन्होंने आगे कहा कि चूंकि इस शेर के लिए जीने और मरने की नौबत आन पड़ी थी इसलिए वो कुछ देर बाद एक बार फिर नीफ पर हमला करने लगा. वही मैं और हमारा हेड रेंजर दोनों लैंडक्रूजर गाड़ी में चढ़े और इस शेर पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश करने लगे. तीन-चार बार जब हम इस शेर के ऊपर गाड़ी चढ़ाकर इसे डराने की कोशिश कर रहे थे तब जाकर इसने नीफ को छोड़ा और वो जंगल में भाग गया. इस हमले के बाद नीफ को फौरन अस्पताल ले जाया गया. उन्हें शेर के नुकीले दांतों के चलते 16 जगह घाव आए हैं. इसके अलावा उनके हाथ की और कोहनी की हड्डी भी टूट गई है हालांकि नीफ इस हमले से धीरे-धीरे रिकवर हो रहे हैं.


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