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पोसीडॉन अंडरवाटर ड्रोन को 2018 में दुनिया के सामने पेश किया गया था.
अमेरिका (US) और ब्रिटेन (Britain) के साथ चल रहे तनाव के बीच रूस (Russia) ने दुनिया की सबसे बड़ी पनडुब्बी बेलगोरोड (Submarine Belgorod) को इसके पहले खुफिया मिशन पर भेजा है. 2019 में लॉन्च होने के बाद यह बेलगोरोड पनडुब्बी का समुद्र में पहला मिशन है. रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस पनडुब्बी के सभी समुद्री परीक्षण पूरे हो चुके हैं. पिछले 30 सालों में बनने वाली 604 फुट लंबी बेलगोरोड दुनिया की सबसे बड़ी पनडुब्बी (World's Largest Submarine) है.
विशेषज्ञों को डर है कि इस पनडुब्बी के भीतर तैनात 79 फुट लंबा पोसीडॉन टारपीडो (Poseidon torpedo) पानी के भीतर विस्फोट कर सकता है और समुद्र में रेडियोधर्मी सुनामी (Radioactive tsunami) का कारण बन सकता है. इस कारण समुद्री तटों के किनारे बसे शहरों में 300 फीट तक ऊंची लहरों उठ सकती हैं. विशेषज्ञों को लगता है कि यदि लोग सूनामी (Tsunami) से बच भी गए, तो वे कई वर्षों तक रेडियोधर्मी रेडिएशन (Radiation) के संपर्क में आ सकते हैं.
रूस के दुश्मनों के लिए क्यों खतरनाक है ये पनडुब्बी?
दरअसल, बेलगोरोड पनडुब्बी आधिकारिक तौर पर रूसी नौसेना का हिस्सा नहीं है. इसका मतलब है कि उसकी गुप्त और आक्रामक कार्रवाई वास्तव में अस्वीकार्य होगी. ऐसे में रूस अपने द्वारा किए गए किसी भी हमले को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने से इनकार कर सकता है. इस जहाज के संचालन की कमान रूसी खुफिया सेवा, अंडरवाटर रिसर्च के मुख्य निदेशालय के हाथों में होगी.
यह संस्थान रूस के दुश्मनों पर खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. इसके छह टॉरपीडो में से हर एक दो मेगाटन तक का परमाणु विस्फोट करने के काबिल हैं. यह शक्ति हिरोशिमा पर गिराए गए अमेरिकी परमाणु बम से 130 गुना अधिक है. विशेष मिशन को अंजाम देने में माहिर यह पनडुब्बी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों से तैनात है, जो पलक झपकते ही वाशिंगटन डीसी और न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों को तबाह कर सकती है.
पनडुब्बी दुश्मन के इलाके में घुसकर खुफिया जानकारी कर सकती है इकट्ठा
बेलगोरोड पनडुब्बी छह स्ट्रेटेजिक लंबी दूरी की पोसीडॉन परमाणु टॉरपीडो तैनात हैं. इस टॉरपीडो की बदौलत रूसी नौसेना न केवल खुफिया मिशन को अंजाम दे सकती है, बल्कि परमाणु हमले को भी करने में सक्षम है. पानी के भीतर ये पनडुब्बी एक मानव रहित वाहन के रूप में कार्य कर सकता है, जो दुश्मन के इलाके में घुसकर खुफिया जानकारी इकट्ठा कर सकता है. पोसीडॉन को स्टेटस-6 ओशनिक मल्टीपर्पज सिस्टम (Status-6 Oceanic Multipurpose System) के नाम से भी जाना जाता है.
इस अंडरवाटर ड्रोन के जरिए पारंपरिक और परमाणु मिसाइलों से दुश्मन के ठिकानों पर हमला किया जा सकता है. ऐसे में रूसी पनडुब्बी बेलगोरोड दुश्मन के ठिकान से दूरी बरकरार रखते हुए न सिर्फ अपनी स्थिति में सामंजस्य बिठा सकती है, बल्कि जरूरत पड़ने पर उन्हें तबाह भी कर सकती है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) द्वारा पोसीडॉन अंडरवाटर ड्रोन को 2018 में दुनिया के सामने पेश किया गया था.
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