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नई दिल्ली: रमजान के महीने में मध्य-पूर्व के इस्लामिक देश सऊदी अरब को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. सऊदी अरब के जेद्दा शहर में दुनिया की पहली 3डी प्रिंटिंग तकनीक से बनी मस्जिद का उद्धाटन किया गया है.
3डी प्रिंटिंग तकनीक पर आधारित मस्जिद जेद्दा के जवहरा (Jawhara) में बनाया गया है. मस्जिद का नाम स्वर्गीय अब्दुलअजीज अब्दुल्ला शर्बतली के नाम पर रखा गया है. अब्दुलअजीज की पत्नी सऊदी की मशहूर उद्यमी वजनात अब्दुलवहीद ने अपने पति की याद में मस्जिद का निर्माण किया है.
جسدت سيدة الاعمال وجنات عبدالواحد @W_Abdulwahed
— العقار24 (@alaqar24) March 9, 2024
أجمل معاني الحب والوفاء لزوجها المتوفي عبدالعزيز عبدالله الشربتلي ((رحمة الله علية))
📍جدة مشروع الجوهرة💠
🔅وذالك عبر بناء مسجد لة 🔅
🏗 ثلاثي الابعاد.
🕌 اول مسجد بالعالم ثلالثي الابعاد.
💠 يقع على مساحة 5600 متر مربع.… pic.twitter.com/gGV1UESrTK
मस्जिद प्रोजेक्ट का नेतृत्व फुर्सन रियल एस्टेट की मालकिन अब्दुलवहीद ही कर रही थीं. मस्जिद बनाने के लिए अब्दुलवहीद ने 3डी प्रिंटिंग के क्षेत्र में बड़ा नाम प्रसिद्ध चीनी निर्माता गुआनली (Guanli) से अत्याधुनिक 3डी प्रिंटर से खरीदी तकनीक का इस्तेमाल किया.
मस्जिद के बारे में बताते हुए अब्दुलवहीद ने विस्तार से बताया कि मस्जिद वास्तुशिल्प सुंदरता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि मस्जिद का डिजाइन ऐसा किया गया है कि यह लोगों के बीच शांति और आतिथ्य की भावना को बढ़ावा देगा. उनका कहना है कि सऊदी अरब इस तकनीक का इस्तेमाल कर विशाल मस्जिद बनाने वाला पहला देश बना है.
3डी प्रिंटिंग मस्जिद का निर्माण सऊदी अरब के वास्तविक शासक क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन सलमान के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 'विजन 2030' को बढ़ावा देता है. इस विजन का उद्देश्य सऊदी की तेल आधारित अर्थव्यवस्था में विविधता लाना है. इसके तहत सऊदी विदेशी निवेश,पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भारी निवेश कर रहा है.
इस्लाम में मक्का और मदीना को दो सबसे पवित्र स्थलों के रूप में जाना जाता है. ये दोनों ही पवित्र शहर सऊदी अरब में स्थित है. हर साल मक्का में हज और उमराह के लिए लाखों की संख्या में पर्यटक सऊदी अरब पहुंचते हैं. सऊदी अरब अपने अर्थव्यवस्था में विविधता के लिए रूढ़िवादी इस्लामिक देश की अपनी छवि भी बदल रहा है और उदार इस्लाम को अपना रहा है.
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