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क्यों मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस?
किसी भी राष्ट्र की जनसंख्या का आकार उसके विकास व संचालन पर गहरा असर डालती है। माना गया है कि देश की जनसंख्या अधिक होने से उसका विकास होने में देरी होती है। असल में, बढ़ती आबादी देश के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। वहीं अशिक्षा, बेरोजगारी, गरीबी आदि अनकंट्रोल होती आबादी का ही परिणाम है। ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए हर साल दुनियाभर में 11 जुलाई को 'World Population Day' यानि 'विश्व जनसंख्या दिवस' मनाया जाता है। ताकि लोगों को बढ़ती आबादी को रोकने के लिए जागरूक किया जाए। चलिए जानते हैं इस दिन को मनाने के बारे में विस्तार से...
भारत दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश
दुनियाभर में चीन सबसे अधिक आबादी वाला देश है। वहीं भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है।
वर्ल्ड पॉपुलेशन डे मनाने का उद्देश्य
इस दिन को यूनाइटेड नेशन ने 11 जुलाई 1989 में आम सभा में मनाने का फैसला किया था। असल में, 11 जुलाई 1987 तक पुरी दुनिया की जनसंख्या का आंकड़ा 5 अरब पार हो गया था। तब लोगों को इस बढ़ती आबादी के प्रति जागरूक करने के लिए इसे मनाने की घोषणा की गई थी।
वर्ल्ड पॉपुलेशन डे 2021 की थीम
बात वर्ल्ड पॉपुलेशन डे 2021 की थीम की करें तो इस साल यह अधिकार और विकल्प उत्तर हैं, चाहे बेबी बूम हो या बस्ट, प्रजनन दर में बदलाव का समाधान सभी लोगों के प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों को प्राथमिकता देना है।
ऐसे मनाते हैं वर्ल्ड पॉपुलेशन डे
इस दिन दुनियाभर के लोगों को जनसंख्या कंट्रोल करने के लिए अलग-अलग नियमों से लोगों को परिचित कराया जाता है। इसके साथ ही परिवार नियोजन के मुद्दे पर बात होती है। आज के दिन बहुत सी जगहों पर जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। परिवार नियोजन, गरीबी, जेंडर इक्वलिटी, यौन समानता, मातृ स्वास्थ्य, नागरिक अधिकार, और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं पर भी चर्चा की जाती है। वैसे इस साल कोरोना के कारण इन आयोजनों पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा लोगों को विभिन्न प्रकार के गर्भनिरोधकों के बारे में भी बताया जाता है। ताकि वह इन उपायों को अपनाकर बढ़ती जनसंख्या को रोक पाएं।
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