दुनिया भर में हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. साल 1987 में डब्ल्यूएचओ के सदस्य राज्यों ने तंबाकू महामारी और इससे होने वाली मृत्यु और बीमारी की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने के लिए इसे बनाया था. इसी के चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि कोविड 19 महामारी की वजह से लाखों तंबाकू उपयोगकर्ताओं ने धूम्रपान छोड़ने की इच्छा जताई है. दुनिया भर में लगभग 60 प्रतिशत तंबाकू उपयोगकर्ता धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं. वहीं इस बार डब्ल्यूएचओ ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने के लिए 'कमिट टू क्विट' के नारे के साथ एक वैश्विक अभियान शुरू किया है. इसका उद्देश्य डिजिटल उपकरणों के जरिए से 100 मिलियन लोगों की तंबाकू के सेवन को छुड़ाना है. साथ ही ये अभियान तंबाकू समाप्ति को बढ़ावा देने वाली स्वस्थ स्थिति बनाने में मदद कर सकता है. वहीं धूम्रपान करने वालों को हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर, पुरानी फेफड़ों की बीमारी और मधुमेह से पीड़ित होने की ज्यादा संभावना रहती है और धूम्रपान से इम्यून सिस्टम भी कमजोर होता है, जो कोविड 19 के खतरे को कई गुना ज्यादा बढ़ा देता है.