भारत की चिंताओं के बीच एक चीनी जासूसी जहाज मंगलवार को श्रीलंका के दक्षिणी बंदरगाह (पोर्ट) हंबनटोटा पहुंचा। कुछ दिनों पहले कोलंबो ने भारत की चिंताओं को देखते हुए बीजिंग से इस जहाज का बंदरगाह पर आगमन टालने का अनुरोध किया था। हालांकि अब श्रीलंका के राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर बयान दिया है। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने साफ शब्दों में कहा है कि श्रीलंका चीन को सैन्य उद्देश्यों के लिए हंबनटोटा का इस्तेमाल नहीं करने देगा।
श्रीलंका ने चीन के दबाव में आकर पिछले हफ्ते युआन वांग 5 नाम के जहाज की हंबनटोटा की यात्रा को स्थगित करने के फैसले को उलट दिया था। बता दें कि श्रीलंका के इस पोर्ट का कंट्रोल चीन के पास है। हंबनटोटा बंदरगाह को बीजिंग ने 2017 में श्रीलंका से कर्ज के बदले में 99 साल के पट्टे पर ले लिया था। चीन का बैलिस्टिक मिसाइल और सेटेलाइट निगरानी जहाज 'युआन वांग 5' स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजकर 20 मिनट पर दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा पहुंचा। यह जहाज 22 अगस्त तक यहां रुकेगा। इसको लेकर भारत और अमेरिका ने भी आपत्ति जताई है।
विक्रमसिंघे ने चीनी जहाज के श्रीलंका आने से दो दिन पहले रविवार को जापान के योमिउरी शिंबुन अखबार के साथ एक इंटरव्यू में कहा, "हम नहीं चाहते कि हंबनटोटा का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जाए।" विक्रमसिंघे ने अपनी सरकार के फैसले के बारे में बताते हुए कहा, 'मौजूदा जहाज सेना की श्रेणी में नहीं आता। [यह] एक रिसर्च जहाज की श्रेणी में आता है। इसीलिए [हमने] जहाज को हंबनटोटा आने की अनुमति दी।"
इस महीने की शुरुआत में, भारतीय पक्ष ने जहाज की यात्रा से जुड़ी चिंताओं के बारे में एक कड़ा संदेश भेजा था। भारत के उच्चायुक्त ने कोलंबो में अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाया था, और इस मुद्दे को विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी के साथ अपनी अलग-अलग बैठकों में उठाया था। मामले से परिचित लोगों ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने कंबोडिया के नोम पेन्ह में हुई आसियान बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया था।
यह जहाज पहले 11 अगस्त को बंदरगाह पर पहुंचना था लेकिन भारत और अमेरिका के दबाव के बीच श्रीलंकाई प्राधिकारियों से मंजूरी न मिलने के कारण इसके आगमन में देरी हुई। भारत द्वारा सुरक्षा चिंता व्यक्त किये जाने के बाद श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह चीनी दूतावास से इस जहाज का आगमन टाल देने का अनुरोध किया था। कोलंबो ने शनिवार को जहाज को 16 से 22 अगस्त तक बंदरगाह पर रुकने की मंजूरी दे दी थी।
चीनी पोत किसी देश की सुरक्षा को प्रभावित नहीं करेगा: चीन
चीन ने मंगलवार को कहा कि उसके उच्च तकनीक वाले अनुंसधान पोत की गतिविधियों से किसी देश की सुरक्षा प्रभावित नहीं होगी और उसे किसी तीसरे पक्ष द्वारा ''बाधित'' नहीं किया जाना चाहिए। यह जहाज भारत और अमेरिका की चिंताओं के बीच श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पहुंच गया है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन कहा कि 'युआन वांग 5' "श्रीलंका के सक्रिय सहयोग" से हंबनटोटा बंदरगाह पर "सफलतापूर्वक" पहुंच गया है। वांग भीषण आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका को वित्तीय सहायता देने संबंधी सवाल से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि जब जहाज पहुंचा तो श्रीलंका में चीनी राजदूत क्यूई जेनहोंग ने हंबनटोटा बंदरगाह पर स्वागत समारोह की मेजबानी की।