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अफगानिस्तान स्थित ईरानी दूतावास के बाहर महिलाओं ने निकाली रैली

Neha Dani
29 Sep 2022 11:24 AM GMT
अफगानिस्तान स्थित ईरानी दूतावास के बाहर महिलाओं ने निकाली रैली
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ट्रेनिंग के तौर पर उन्‍हें लकड़ी की राइफल्‍स दी गई थीं। लेकिन, आज स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है।

रूस और यूक्रेन के बीच 7 माह से अधिक समय से जारी जंग में छोटा होने के बाद भी यूक्रेन ने हथियार नहीं डाले। इसकी वजह उसको दूसरे देशों से मिली भारी संख्‍या में मदद है। इस मदद के बिना वो रूस के आगे कुछ नहीं कर सकता था। आपको बता दें कि रूस ने जब 24 फरवरी को यूक्रेन पर पहली बार हमला किया था तब उसके पास अपने बचाव के लिए राइफल तक की भी कमी थी। इस युद्ध की शुरुआत में यूक्रेन की सरकार ने आम नागरिकों को सेना के साथ वोलेंटियर्स के तौर पर शामिल हाने की अपील की थी। ट्रेनिंग के तौर पर उन्‍हें लकड़ी की राइफल्‍स दी गई थीं। लेकिन, आज स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है।

यूक्रेन की अपील
युद्ध की शुरुआत में ही यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की ने सभी देशों से मदद करने की अपील करते हुए भारी हथियारों की मांग की थी। उनकी ये अपील विफल भी नहीं रही और कई देशों ने उन्‍हें हथियारों की खेप भेजकर मदद दी। मदद देने वाले देशों की ही यदि बात करें तो इसमें अब तक सबसे अधिक मदद अमेरिका ने दी है। अेरिका और रूस के संबंध किस कदर खराब है ये मदद उसको भी बयां करने के लिए काफी है। आंकड़े बताते हैं कि यूक्रेन को अगस्‍त के अंत तक अमेरिका की तरफ से करीब 9.8 अरब डालर की मदद दी जा चुकी थी।
अमेरिका से मिली मदद
अमेरिका की तरफ से मिली मदद में स्टिंगर एंटी एयरक्राफ्ट सिस्‍टम, जैवलिन एंटी आर्मर सिस्‍टम, 155 एमएम की होवित्‍जर तोप प्रमुख है। इसके अलावा अमेरिका ने रूस द्वारा यूक्रेन पर कैमिकल, रेडियोलाजिकल, और न्‍यूक्लियर हमला करने की सूरत में यूक्रेनी सेना के बचाव के लिए भी इक्‍यूपमेंट्स दिए हैं, जो बेहद खास हैं। यहां पर ये भी जानना बेहद जरूरी है कि रूस ने अब तक भी परमाणु हमला न करने की बात नहीं की है। इसके उलट रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ये बात कह चुके हैं कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए उन्‍होंने अपनी न्‍यूक्लियर फोर्स को हाई अलर्ट पर रखा हुआ है। इसका सीधा सा अर्थ है कि रूस ऐसा कर भी सकता है।
ब्रिटेन और ईयू से मदद
यूक्रेन को अमेरिका के बाद सबसे अधिक मदद करने वाले देश में दूसरे नंबर पर ब्रिटेन का नाम शामिल है। ब्रिटेन ने अमेरिका की तुलना में काफी कम 2.72 अरब डालर की मदद की है। ये मदद पूरी तरह से सैन्‍य क्षमता को बढ़ाने के लिए की गई है। इसके अलावा इस लिस्‍ट में तीसरे नंबर पर यूरोपीयन यूनियन का नाम शामिल है, जिसने अगस्‍त के अंत तक यूक्रेन को 2.5 अरब डालर की मदद की है। यहां पर ये बताना जरूरी है कि यूक्रेन यूरोपीयन यूनियन का सदस्‍य नहीं है। इसके बावजूद उसको ये मदद दी गई है। यूक्रेन अब यूरोपीयन यूनियन में शामिल होने के लिए भी कदम आगे बढ़ा चुका है।
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