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काबुल में घर बैठने के आदेश के विरोध में सड़क पर उतरी औरतें, समान अधिकार की उठी मांग

Neha Dani
20 Sep 2021 10:15 AM GMT
काबुल में घर बैठने के आदेश के विरोध में सड़क पर उतरी औरतें, समान अधिकार की उठी मांग
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तो यह लड़कियों और महिलाओं के शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से लगातार हालात बिगड़ रहे हैं। विशेषतौर पर महिलाओं की स्थिति यहां पर बिगड़ रही है। तालिबान द्वारा लगातार नए-नए फरमान लागू किए जा रहे हैं। हाल ही में यहां पर लड़कियों के स्कूल जाने पर पाबंदी लगाई गई है, जिसके बाद महिलाओं ने राजधानी काबुल में तालिबान की नीतियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया है। एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, काफी संख्या में अफगानी महिलाओं ने काबुल में समान अधिकार और कार्य की मांग की। खामा न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को इन महिलाओं ने प्रदर्शन किया।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई स्लोगन का इस्तेमाल किया, जिसमें- हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारी शक्ति का निष्कर्ष है और शिक्षा, कार्य से संबंधित नारे लगाए लगाए। वहीं तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabiullah Mujahid) ने रविवार को कहा कि वे महिलाओं के लिए शरिया कानून के तहत एक शक्तिशाली और प्रभावी प्रशासन की स्थापना करेंगे।
हाल ही में एक साक्षात्कार में प्रवक्ता ने कहा था कि पूर्व मंत्रालय ने अफगान महिलाओं के जीवन की बेहतरी के लिए कुछ नहीं किया। मुजाहिद ने कहा कि मंत्रालय के अस्तित्व के बावजूद, महिलाएं को ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी बुनियादी व्यवस्था नहीं दी गई थी।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने अफगान में लड़कियों के स्कूलों को बंद करना शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताया था। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार यूनेस्को के महानिदेशक आंड्रे अजोले ने एक बयान में कहा था कि अगर लड़कियों के स्कूल बंद रहते हैं, तो यह लड़कियों और महिलाओं के शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।


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