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महिला ने रोड एक्सीडेंट में मांगे 17 करोड़, कोर्ट ने फिर भी इंश्योरेंस कंपनी को पैसा देने के लिए कहा

Neha Dani
27 Jan 2022 2:25 AM GMT
महिला ने रोड एक्सीडेंट में मांगे 17 करोड़, कोर्ट ने फिर भी इंश्योरेंस कंपनी को पैसा देने के लिए कहा
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घटना के बाद न उन्हें कोई नौकरी मिली, न ही वो सामान्य जीवन जी पाईं.

हेल्थ इंश्योरेंस कराते वक्त हर कोई ऐसी कामना करता है कि कभी उस क्लेम के पैसे लेने की जरूरत न पड़े यानी कि कभी एक्सीडेंट ना हो. लेकिन ये एक विपत्ति वाली सुविधा होती है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि विपत्ति आने पर लोग अपने ही पैसों को रिकवर नहीं कर पाते हैं. दरअसल एक ब्रिटिश की महिला के साथ कुछ ऐसा हुआ कि कंपनी को इंश्योरेंस के पैसे न देने के लिए कंपनी ने महिला पर अजीबोगरीब आरोप लगाया.

महिला ने रोड एक्सीडेंट में मांगे 17 करोड़
34 वर्षीय नताशा पालमर का साल 2014 में एक कार एक्सीडेंट हो गया था. उनका कहना था कि उनकी कार को नशे में एक ड्राइवर ने टक्कर मार दी थी. वैसे तो ये एक सामान्य एक्सीडेंट था लेकिन उनका दावा था कि इस हादसे के बाद नताशा की सेहत पर बुरा असर पड़ा और वे अपनी सामान्य जिंदगी नहीं जी पा रहीं थीं. उनके इस दावे को इंश्योरेंस कंपनी (Insurance Company) ने नहीं माना और उन्हें 17 करोड़ देने से इनकार कर दिया.
कंपनी ने महिला को किया ट्रैक
द Mirror की रिपोर्ट के मुताबिक महिला को झूठा साबित करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी ने महिला की सोशल मीडिया पोस्ट को ट्रैक किया और इस विहाप पर महिला की चोटों को गंभीर नहीं माना. कंपनी ने महिला की सोशल मीडिया की तस्वीरें और वीडियो कोर्ट में पेश कीं और जज के सामने दावा किया कि अगर वो एक्सीडेंट से प्रभावित हुई हैं तो वे इतनी ग्लैमरस लाइफ कैसे एंजॉय कर रही थीं?
कोर्ट ने दिलाया महिला को मुआवजा
उधर नताशा ने नशेबाज ड्राइवर पर लंदन कोर्ट में केस करते हुए बताया कि एक्सीडेंट का उनके दिमाग पर बुरा असर पड़ा है. उनकी याददाश्त खराब हुई है, वे कॉन्संट्रेट नहीं कर पातीं, जबकि उन्हें आंखों में दिक्कत और चक्कर की भी परेशानी है. उन्होंने कुछ मेडिकल एविडेंस भी पेश किए, जिसके बाद कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए इंश्योरेंस कंपनी की बातों को खारिज कर दिया और नताशा को 17 करोड़ का मुआवजा दिलाया. कोर्ट ने ये भी कहा कि मानसिक तौर पर बीमार होने के बाद सोशल मीडिया की ग्लैमरस तस्वीरें ये साबित नहीं करतीं कि उन्हें मानसिक परेशानी नहीं थी. घटना के बाद न उन्हें कोई नौकरी मिली, न ही वो सामान्य जीवन जी पाईं.
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