विश्व
अमेरिका सैनिकों की वापसी, पाकिस्तान संग अफगानिस्तान में दखल बढ़ाने में जुटा चीन
Apurva Srivastav
4 Jun 2021 9:31 AM GMT
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पाकिस्तान के साथ मिलकर चीन अफगानिस्तान में दखल बढ़ाना चाहता है।
पाकिस्तान के साथ मिलकर चीन अफगानिस्तान में दखल बढ़ाना चाहता है। अमेरिकी सैनिकों की वापसी का फायदा उठाने के लिए उसने कोशिशें भी तेज कर दी हैं। इसके तहत अफगानिस्तान के साथ रक्षा और आर्थिक सहयोग बढ़ाने की बात कह रहा है। शिन्हुआ न्यूज ने खबर दी है कि चीन, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की और इस बात पर सहमति जताई कि विदेशी सैनिकों की वापसी इस तरह होनी चाहिए कि अफगानिस्तान में सुरक्षा के हालात फिर ना खराब हों और 'आतंकी ताकतों' को वापसी का मौका ना मिले।
एजेंसी के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि अफगानिस्तान और पड़ोसी देशों के हित के लिए तीनों देशों को संवाद और सहयोग बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ''अफगानिस्तान और क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता के सामने नई चुनौतियां हैं। अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी तेज हो चुकी है, शांति और सुलह की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है और सशस्त्र संघर्ष व आतंकी गतिविधियां तेज हो रही हैं।
अफगानिस्तान में अमेरिका और सहयोगी बलों की मौजूदगी को लेकर चीन लंबे समय से नाराजगी जाहिर करता रहा है। लेकिन उसे चिंता भी है कि यदि अफगानिस्तान विद्रोहियों के लिए फिर ठिकाना बन गया तो उसके लिए भी खतरा बढ़ जाएगा, क्योंकि शिंजियांग प्रांत की कुछ सीमा इससे मिलती है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी इस बात पर जोर दिया कि किसी आतंकी संगठन या व्यक्ति को आपराधिक गतिविधियों के लिए इस भूमि का इस्तेमाल ना करने दिया जाए।
चीन अफगानिस्तान के संसाधनों खासतौर पर कॉपर में निवेश करना चाहता है, लेकिन सरकार और तालिबान के बीच लगातार चल रहे टकराव की वजह से वह प्रॉजेक्ट्स शुरू नहीं कर पाया है। चीन बेल्ड एंड रोड इनिशिटिव के जरिए पाकिस्तान के साथ भी रिश्ता मजबूत करना चाहता है, लेकिन देश की गरीबी और सुरक्षा वजह से उसे इसमें भी पूरी सफलता नहीं मिली है।
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