बीजिंग में शुक्रवार से शुरू हो रहे विंटर (शीतकालीन) ओलिंपिक खेलों से पहले यहां कोरोना महामारी की वजह से चिंता गहरा गई है। हाल में यहां कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण अपेक्षाकृत अधिक तेजी से फैला है। हालांकि बीजिंग और आसपास के इलाकों में लगभग पूरी आबादी का पूरा टीकाकरण हो चुका है, लेकिन ओमिक्रॉन वैरिएंट से वैक्सीन लगवा चुके लोग भी संक्रमित हो रहे हैं। इसके बावजूद चीनी अधिकारी ओलिंपिक खेलों का आयोजन तय कार्यक्रम के मुताबिक कराने पर अडिग रहे हैं।
'क्लोज लूप सिस्टम' लागू
चीन ने इन खेलों के लिए 'क्लोज लूप सिस्टम' लागू किया है। बताया जाता है कि इसके पहले दुनिया में कहीं किसी खेल आयोजन के समय इतने सख्त नियम लागू नहीं किए गए। चीनी अधिकारियों के मुताबिक इस नियम के तहत खेलों से संबंधित व्यक्तियों को एक लूप के अंदर रहना होगा। मकसद यह है कि उनके बीच किसी तरह से संक्रमण ना पहुंच पाए। इसके तहत बीजिंग के लोगों को यहां तक निर्देश दिया गया है कि अगर कोई ओलिंपिक से संबंधित वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाए, तब भी वे उसकी मदद के लिए वहां ना पहुंचें।
चीन के इन कदमों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना हुई है। अमेरिका में न्यूयॉर्क स्थित इकाहन स्कूल ऑफ मेडीसिन में प्रोफेसर एनी स्पैरॉ के मुताबिक ऐसा लगता है कि चीन एथलीटों की नहीं, बल्कि अपनी रक्षा करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहा है। लागू नियमों के मुताबिक एथलीट, विभिन्न देशों के दल, और पत्रकारों के पहुंचने के बाद उनकी नियमित रूप से कोविड जांच की जा रही है। जिन लोगों के संक्रमित होने की आशंका हो, उन्हें क्वॉरंटीन कर दिया जा रहा है। जब स्पर्धा की समाप्ति पर खिलाड़ी अपने देश लौटेंगे, तो उन्हें सीधे हवाई अड्डे ले जाया जाएगा। वहां से गैर-कॉमर्शियल उड़ानों से उन्हें उनके देश भेजा जाएगा।
खेल रद्द करने को तैयार नहीं
विंटर ओलिंपिक खेलों के लिए पहुंचे मशहूर अमेरिकी एथलीट अपोलो ओहनो ने अमेरिकी वेबसाइट रॉलिंग स्टोन से बातचीत में कहा- 'चीन ने अपना फैसला लिया है और वे उस पर अमल करने जा रहे हैं। वे खेल रद्द करने को तैयार नहीं हैं।' लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये सवाल जरूर उठा है कि इतने सख्त उपायों के बावजूद क्या चीन सचमुच खेलों को ओमिक्रॉन से बचा सकेगा?
अमेरिका के मिनीसोटा स्थित सेंटर फॉर इन्फेक्सियस डिजीज रिसर्च एंड पॉलिसी के निदेशक माइकल ऑस्टरहोम ने वेबसाइट एक्सियोस.कॉम से कहा- 'खरबों डॉलर का सवाल यह है कि क्या वे ओमिक्रॉन को हरा पाएंगे? सैद्धांतिक रूप से उन्होंने ऐसी योजना बनाई है, जो कोविड से खेलों को बचा लेगी। लेकिन यह योजना इस वायरस के खिलाफ सचमुच कितना प्रभावी होगी, इस बारे में मैं निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकता।'
विशेषज्ञों ने ध्यान दिलाया है कि पिछले साल टोक्यो में हुए ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक खेलों के दौरान भी अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने सख्त नियमावली पर अमल किया था। लेकिन वहां कई लोग कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे। तब दुनिया में टीकाकरण का स्तर आज जितना नहीं था। चीन ने बीजिंग ओलिंपिक खेलों में आने के पहले पूर्ण टीकाकरण की शर्त लगा रखी है। जिन लोगों ने टीका नहीं लिया है, उन्हें यहां 21 दिन तक क्वॉरंटीन में रहना पड़ा है।