Afghanistan में क्या अब खत्म होगी लड़ाई? अफगान गवर्नमेंट ने तालिबान को दिया बड़ा ऑफर
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अफगानिस्तान में विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबान तेजी से पैर पसारता जा रहा है. उसने देश के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है. तालिबान और अफगान सरकार के बीच जारी इस जंग को खत्म करने के लिए कतर में बातचीत चल रही है. जिससे ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि ये लड़ाई जल्द ही खत्म हो सकती है (Afghanistan Taliban War). बैठक में अफगान सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वार्ताकारों ने तालिबान के सामने एक ऑफर रखा है. जिसके तहत सत्ता के बंटवारे पर समझौता करने की बात कही गई है. इस बात की जानकारी समाचार एजेंसी एएफपी ने दी है.
अमेरिका के नेतृत्व वाले सैनिकों की क्षेत्र से वापसी के बाद से तालिबान अफगान सरकार और अन्य क्षेत्रीय हितधारकों के साथ एक राजनीतिक समझौता करने से बचता दिख रहा है (Afghanistan Taliban Conflict). एएफपी ने सरकारी वार्ताकार के हवाले से कहा है, 'हां, सरकार ने कतर को मध्यस्थ के रूप में एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है. प्रस्ताव तालिबान को देश में हिंसा को रोकने के बदले में सत्ता साझा करने की अनुमति देता है.' बता दें तालिबान अफगान सेना के प्रति आक्रामक बना हुआ है और तेजी से लड़ाई में बढ़त भी हासिल कर रहा है.
10 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा
इस संगठन ने बेहद कम समय में ही 10 प्रांतीय राजधानियों पर नियंत्रण हासिल कर लिया है. जबकि अमेरिका ने चिंता जाहिर की है कि तालिबान तीन महीने के भीतर ही राजधानी काबुल को भी अपने हाथों में ले लेगा. अफगानिस्तान की खराब स्थिति के बीच भारत ने वहां रहने वाले अपने नागरिकों से तुरंत देश छोड़ने को कहा था (Indians in Afghanistan). मजार-ए-शरीफ से नई दिल्ली के लिए विशेष उड़ान का संचालन किया गया. जिसके जरिए भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों, सुरक्षा कर्मियों और अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर और उसके आसपास रहने वाले भारतीय नागरिकों को लाया गया.
भारत ने जताई स्थिति पर चिंता
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची ने गुरुवार को बताया, 'हम स्थिति पर करीबी से नजर रख रहे हैं, हम वहां के बिगड़ते हालात को लेकर चिंता में हैं. इस हफ्ते के शुरू में काबुल में हमारे दूतावास ने भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी. जिसमें उन्हें कमर्शियल उड़ानों के जरिए भारत आने की सलाह दी गई.'