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4500 से भी ज्यादा एक्सोप्लेनेट लगाते हैं सूर्य के चारों तरफ चक्कर
सौरमंडल में एक्सोप्लेनेट के तारे के नष्ट होने के बाद एक नई संभावना की झलक देखने को मिली है. सौरमंडल के अस्तित्व को लेकर अब तक कई सवाल खड़े किए जा चुके हैं. इसको लेकर काफी रिसर्च चलती रहती है. हाल में रिसर्चस ने दावा किया है कि एक दिन सूर्य भी किसी सफेद ड्वार्फ का सबूत बनकर रह जाएगा और अंतिम रूप से अंधकार में बदल जाएगा.
4500 से भी ज्यादा एक्सोप्लेनेट लगाते हैं सूर्य के चारों तरफ चक्कर
इसके बाद अब यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या प्लेनेट्स का भी यह भविष्य होगा? 4500 से भी ज्यादा एक्सोप्लेनेट सूर्य का चारों तरफ चक्कर लगाते हैं. लेकिन कैक ऑब्जर्बेट्री ने जुपीटर की तरह खोजे गए एक्सोप्लेनेट की खतरनाक झलकियां दिखाई हैं. खगोलविदों ने हाल ही में नोटिस किया है कि एक्सोप्लेनेट विशाल लाल आकार से बदलकर एक लंबी शाख की तरह आकार ले रहे हैं. एक्सोप्लेनेट अगर अपने पारिवारिक ग्रहों के पास होते तो सितारों से घिरे रहते.
ग्रहों की कक्षाएं होती हैं सितारों के ज्यादा पास
हाल ही में हुई रिसर्च में यह परिणाम निकलकर सामने आए हैं कि अगर एस्टेरॉयड बौने ग्रहों के नजदीक आते हैं तो टूट जाते हैं. खगोलविदों ने हाल ही में खोजा है कि ग्रहों की कक्षाएं सितारों के ज्यादा पास होती हैं. इससे सोलर सिस्टम का अंदाजा लगाया जा सकता है. इसके साथ ही ये पत्थर जैसे प्लानेट पर भी अध्ययन कर सकती है. इससे दूसरी दुनिया की झलक देखने की भी संभावना बनती दिख रही है.
सुपरअर्थ पर नहीं है जीवन की संभावना
वैज्ञानिकों ने बताया कि जिलाइस 486बी नाम का प्लेनेट जिसे सुपरअर्थ के नाम से भी जाना जाता है, पर जीवन की संभावना नहीं बनती है. इस प्लेनेट को वीनस की तरह गर्म और पथरीला बताया जाता है. साथ ही यह भी माना जाता है कि इसकी सतह पर गर्म लावा की नदियां बहने की संभावना भी है.
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