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क्या रूस करेगा परमाणु हमला? दुनिया को डरा रही है पुतिन की खामोशी, अमेरिका ने उठाया ये बड़ा कदम

jantaserishta.com
11 Oct 2022 8:23 AM GMT
क्या रूस करेगा परमाणु हमला? दुनिया को डरा रही है पुतिन की खामोशी, अमेरिका ने उठाया ये बड़ा कदम
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

इस दवा का इस्तेमाल परमाणु हमले की स्थिति में रेडिएशन लीक होने पर किया जाता है.
नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 'धमकी' ने एक बार फिर दुनिया को सहमा दिया है. हाल में पुतिन ने कहा था कि वो रूस की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल भी करेगा. उन्होंने पश्चिमी देशों को धमकाते हुए कहा था कि वो इस बात को लेकर झांसे में रहें, ये कोई गीदड़ भभकी नहीं है.
हालांकि कुछ जानकार इसे पुतिन की गीदड़ भभकी ही मान रहे हैं. तो वहीं अमेरिका समेत पश्चिमी देश पुतिन की इस धमकी को गंभीरता से ले रहे हैं. यूक्रेन के साथ जंग के बीच पुतिन कई बार परमाणु हमले की धमकी दे चुके हैं. हालांकि, अब जब रूस ने यूक्रेन का 18% हिस्सा खुद में मिला लिया है, तो उसके बाद परमाणु हमले की आशंका और बढ़ गई है. जानकारों का मानना है कि रूस अपने हिस्सों को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.
पुतिन की धमकी को नजरअंदाज न करते हुए अमेरिका और यूरोप ने आयोडिन की दवाएं मंगानी शुरू कर दीं हैं. इस दवा का इस्तेमाल परमाणु हमले की स्थिति में रेडिएशन लीक होने पर किया जाता है.
अमेरिका ने क्या किया?
- जो बाइडेन की सरकार ने हाल ही में 290 मिलियन डॉलर यानी लगभग 2,400 करोड़ रुपये की एंटी-रेडिएशन दवा खरीदने का ऐलान किया है. ये फैसला पुतिन की धमकी के बाद लिया गया है.
- अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस (HHS) ने पुष्टि की है कि रेडियोलॉजिकल या न्यूक्लियर इमरजेंसी के बाद लोगों की जान बचाने के लिए ये किया जा रहा है.
- ये दवा वयस्कों के साथ-साथ बच्चों को भी रेडिएशन से बचा सकती है. डिपार्टमेंट का कहना है कि ये दवा एक्यूट रेडिएशन सिंड्रोम (ARS) का इलाज करने में सक्षम है.
क्या है ये दवा?
- ये दवा असल में पोटेशियम आयोडाइड की दवा है, जिसे आयोडीन की गोली भी कहते हैं. पिछले महीने यूरोपियन यूनियन ने बताया था कि परमाणु हमले की आशंका को देखते हुए यूक्रेन को पोटेशियम आयोडाइड की 55 लाख दवा भेजी जा रहीं हैं.
- वहीं, रूस और यूक्रेन से सटे पोलैंड में भी इस दवा की मांग बढ़ गई है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पोलैंड के सभी 16 प्रांतों में इस दवा को बांटने के लिए सेंटर बनाए गए हैं. राजधानी वॉरसॉ में किंडरगार्टन, स्कूल और दफ्तरों में 600 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर बनाए गए हैं.
- पोलैंड के दूसरे प्रांतों में भी ऐसी ही तैयारियां हो रहीं हैं. मालोपोल्स्का की 34 लाख आबादी के लिए 55 लाख गोलियां और पोमेरानिया की 23 लाख आबादी के लिए 40 लाख से ज्यादा गोलियां रखीं गईं हैं.
परमाणु हमले से कैसे बचाएगी ये दवा?
- जब कोई परमाणु हादसा या परमाणु हमला होता है, तो उससे रेडिएशन लीक होता है. बड़े परमाणु हमले की स्थिति में बच पाना लगभग नामुमकिन होता है. लेकिन छोटा परमाणु हमला है और उससे रेडिएशन लीक हो रहा है तो बचा जा सकता है. ये दवा इसी काम में आएगी.
- पोटेशियम आयोडाइड या आयोडीन की दवा, हमारे शरीर में रेडियोएक्टिव आयोडीन जाने से रोकती है. ये दवा लेते ही थायराइड ग्रंथि ब्लॉक हो जाती है, जिससे रेडियोएक्टिव आयोडीन अंदर नहीं जा पाता. थायराइड ग्रंथि बहुत सेंसेटिव होती है.
- इसे ऐसे समझिए कि जब रेडिएशन लीक होता है तो उससे रेडियोएक्टिव आयोडीन निकलता है. चूंकि, थायराइड ग्रंथि बहुत सेंसेटिव होती है, इसलिए वो रेडियोएक्टिव और नॉन-रेडियोएक्टिव आयोडीन में फर्क नहीं कर पाती.
- ये दवा थायराइड ग्रंथि में आयोडीन जमा कर देती है. ऐसे में अगर रेडियोएक्टिव आयोडीन लीक भी होता है तो वो थायराइड ग्रंथि में जमा नहीं हो पाता.
कितनी जरूरी है ये दवा?
- रेडिएशन लीक होने पर रेडियोएक्टिव आयोडीन सांस लेने या फिर खान-पान के जरिए शरीर के अंदर जा सकता है. ऐसा होने पर शरीर के अंदर रेडियोएक्टिव आयोडीन जमा हो जाता है.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, जब रेडियोएक्टिव आयोडीन निकलता है तो वो दो तरह से हमारे शरीर के संपर्क में आ सकता है. पहला बाहरी और दूसरा आंतरिक.
- बाहरी संपर्क में आने पर ये त्वचा में जम जाता है, जिसे गर्म पानी या साबुन से धोकर हटाया जा सकता है. लेकिन आंतरिक संपर्क में आने पर ये थायराइड ग्रंथि में जम जाता है, जिससे थायराइड कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इससे सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है.
- WHO के मुताबिक, 1986 में यूक्रेन के चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट में जब हादसा हुआ था, तब दूध और खाने के जरिए रेडियोएक्टिव आयोडीन बच्चों के शरीर में चला गया था. इस कारण 4 से 5 साल के बच्चों में भी थायराइड कैंसर के मामले सामने आए थे.
ये दवा कितनी असरदार है?
- अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) का कहना है कि ये दवा 100% असरदार नहीं है. ये सिर्फ रेडियोएक्टिव आयोडीन को शरीर के अंदर जाने से रोकती है. बाकी दूसरे तरह के रेडिएशन से नहीं बचा सकती.
- ये दवा रेडिएशन लीक होने से 4 घंटे पहले या 24 घंटे बाद तक ली जा सकती है, तब ये असर करती है. ये दवा कितनी असरदार है, ये इस बात पर भी निर्भर करती है कि शरीर में कितनी मात्रा में रेडियोएक्टिव आयोडीन गया है और हमारा शरीर उसे कितनी जल्दी अब्जॉर्ब करता है.
- पोटेशियम आयोडाइड की ये दवा असल में सिर्फ थायराइड को बचाती है, शरीर के दूसरे हिस्सों को नहीं. अगर आप पहले से थायराइड से जुड़ी किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो इस दवा से ठीक नहीं हुआ जा सकता.
- सीडीसी की सलाह है कि ये दवा 40 साल से कम उम्र वालों को ही लेनी चाहिए. गर्भवती महिलाएं भी इसे ले सकतीं हैं. अगर आपको कोई बीमारी है तो डॉक्टर की सलाह पर ही इस दवा को लेना चाहिए.
अमेरिका-यूरोप तैयारी में, क्या सच में परमाणु हमला होगा?
- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ कहा है कि वो कोई गीदड़ भभकी नहीं दे रहे हैं और अपने देश की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने से भी नहीं चूकेंगे. कई जानकार पुतिन की इस धमकी को गीदड़ भभकी मान रहे हैं, लेकिन अमेरिका इसे गंभीरता से ले रहा है.
- प्राग स्थित एक सैन्य विशेषज्ञ यूरी फेडोरोव ने न्यूज एजेंसी से कहा कि पुतिन अभी गीदड़ भभकी कर रहे हैं. हालांकि, वो ये भी कहते हैं कि अगले एक हफ्ते या एक महीने में क्या होता है, इस बारे में अभी कहना मुश्किल है.
- क्या पुतिन परमाणु हमले की ओर बढ़ रहे हैं? ये पूछे जाने पर अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के डायरेक्टर विलियम बर्न्स ने न्यूज चैनल CBS से कहा कि हमें उनकी धमकियों से गंभीरता से लेना होगा, क्योंकि इससे सबकुछ दांव पर लगा है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अभी ऐसा कोई सबूत नहीं है कि पुतिन परमाणु हमले की ओर बढ़ रहे हैं.
कैसे हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं पुतिन?
- अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता. लेकिन चेचन्या के प्रमुख रमजान कादिरोव ने कहा कि यूक्रेन में रूस को छोटे टैक्टिकल परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना चाहिए.
- छोटे टैक्टिकल परमाणु हथियार बड़े बमों की तुलना में कम शक्तिशाली होते हैं और इनसे कम नुकसान होता है. ऐसे हथियारों को विमानों से गिराया जा सकता है, मिसाइल से छोड़ा जा सकता है, सबमरीन या शिप से लॉन्च किया जा सकता है. इसके अलावा जमीनी सेनाएं भी इन्हें लॉन्च कर सकतीं हैं.
- दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार रूस के पास ही हैं. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट के मुताबिक, रूस के पास 5 हजार 977 और अमेरिका के पास 5 हजार 428 परमाणु हथियार हैं. तीसरे नंबर पर चीन है, जिसके पास 350 परमाणु हथियार हैं. जबकि, भारत के जखीरे में 160 हथियार हैं.
- CIA के पूर्व प्रमुख डेविड पेट्रियस ने न्यूज एजेंसी से कहा कि अगर रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करता है, तो अमेरिका और NATO के सदस्य देश यूक्रेन में मौजूद रूसी सैनिकों और उनके हथियारों को तबाह कर देंगे और काला सागर (ब्लैक सी) में मौजूद उसके बेड़े को डुबो देंगे.
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