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अमेरिका को रोकेंगे रूस और चीन? अब हुआ ये ऐलान

Rounak Dey
8 Sep 2022 5:49 AM GMT
अमेरिका को रोकेंगे रूस और चीन? अब हुआ ये ऐलान
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आंतरिक मामलों में किसी का भी दखल बर्दाश्त नहीं करेगा. ऐसा होने पर फौरन जवाबी कार्रवाई की जाएगी.

रूस (Russia) ने हाल ही में चीन (China) की फौज और दूसरे मित्र देशों की सेनाओं के साथ बड़े पैमाने पर संयुक्त सैन्य अभ्यास किया. इस खास मिलिट्री ड्रिल में रूस के अलावा भारत, चीन (China), मंगोलिया, अल्जीरिया, अजरबैजान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, सीरिया और निकारागुआ की सेनाओं ने हिस्सा लिया. इस स्पेशल ट्राइ-सर्विस यानी जल, थल और आकाश में होने वाले इस युद्धाभ्यास में करीब 50 हजार सैनिक शामिल हुए. यहां बहुत कुछ ऐसा हुआ कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका (US) को अच्छा नहीं लगा.


साथ आईं रूस और चीन की सेना

इस अभ्यास को वोस्तोक-2022 नाम दिया गया. इसकी शुरुआत ऐसे समय पर हुई जब लंबे समय से यूक्रेन में युद्ध (Russia-Ukraine War) चल रहा है. वर्तमान स्थितियों की बात करें तो रूस और चीन दोनों के साथ अमेरिका के संबंध बेहद तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. इस अभ्यास को देखने खुद रूसी राष्ट्रपति पुतिन पहुंचे. रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और सैन्य प्रमुख वालेरी गेरासिमोव के साथ प्रेसिडेंट पुतिन ने सर्गेवस्की मिलिट्री रेंज में मुलाकात की. रूसी रक्षा मंत्रालय ने ये भी बताया कि इसमें 5 हजार से अधिक हथियारों के साथ, 140 एयरक्राफ्ट और 60 युद्धपोत शामिल हुए. यानी रूस और चीन की सेनाएं साथ आईं तो अमेरिका के होश उड़ गए.

अमेरिका को रोकेंगे रूस और चीन?

चीनी सेना के हवाले से आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजिंग ने 300 से अधिक सैन्य वाहनों, 21 लड़ाकू विमानों और तीन युद्धपोतों के साथ 2,000 से अधिक सैनिकों को अभ्यास में भाग लेने के लिए रूस भेजा. दोनों देशों की सेनाओं ने जापान के सागर और तटीय क्षेत्रों में संयुक्त युद्धाभ्यास किया. पश्चिमी मीडिया में कहा जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Vladimir Putin) और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने पूर्व कम्युनिस्ट प्रतिद्वंद्वियों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए अपने व्यक्तिगत संबंध बेहतर कर लिए हैं, क्योंकि वे दोनों अमेरिका के साथ प्रतिद्वंद्विता में हैं. आपको बता दें कि भले ही कुछ समय पहले रूस और चीन दोनों ने एक सैन्य गठबंधन की परिकल्पना को खारिज कर दिया था. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि अमेरिका को टक्कर देने के लिए रूस और चीन साथ आ गए हैं इसलिए ऐसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

रूस की चेतावनी

रूस चीन के इस अभ्यास पर कई पश्चिमी देशों ने भी चिंता जताई. इस ड्रिल को लेकर अमेरिकी एक्सपर्ट्स ने कहा कि सैन्य अभ्यास के जरिए पुतिन ये बताना चाहते हैं कि यूक्रेन में फंसे होने के बावजूद मॉस्को अलग-थलग नहीं पड़ा है. इस मिलिट्री ड्रिल को लेकर यह भी कहा गया, 'अमेरिका बेहद गंभीर खतरे का सामना कर रहा है. रूस और चीन गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार कर रहे हैं.' वहीं रूस ने ये भी कहा है कि वो आंतरिक मामलों में किसी का भी दखल बर्दाश्त नहीं करेगा. ऐसा होने पर फौरन जवाबी कार्रवाई की जाएगी.

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