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गरगश ने खाड़ी क्षेत्र की समग्र स्थिति के अलावा अफगानिस्तान संकट पर भी विचार-विमर्श किया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने कहा है कि अफगानिस्तान को आतंकवादियों का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा। भारतीय समयानुसार सोमवार रात यूएनएससी में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश पर हमला करने, धमकाने या आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह देने के लिए नहीं किया जाएगा। भारत इस समय यूएनएससी का अध्यक्ष है।
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से यह प्रस्ताव पेश किया गया था। 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के 13 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि दो सदस्य रूस और चीन ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट में कहा कि प्रस्ताव में कहा गया है कि अफगानिस्तान की जमीन का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के 1267 नियम के तहत घोषित आतंकवादियों के साथ ही आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। तालिबान अफगानियों को बाहर जाने देगा। महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करेगा।
The resolution establishes clear expectations regarding future of Afghanistan - UNSC expects the Taliban to live up to its commitment to facilitate safe passage for Afghans and foreigners who want to leave Afghanistan today, tomorrow, or after August 31: US representative at UNSC pic.twitter.com/IR0ttt2Ab1
— ANI (@ANI) August 30, 2021
दरअसल, तालिबान के 1996-2001 के शासन के दौरान अफगानिस्तान अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठन का अड्डा बन गया था। अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन ने भी अफगानिस्तान में शरण ली थी। इसी से एक बार फिर तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान के आतंकियों का अड्डा बनने की आशंका जताई जा रही है।
अफगान मुद्दे पर विदेश मंत्री एसज यशंकर ने यूएई के राष्ट्रपति से की बातचीत
वहीं, दूसरी ओर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के कूटनीतिक सलाहकार अनवर गरगश से बातचीत की। यह वार्ता आपसी हितों की क्षेत्रीय चिंताओं पर केंद्रित थी। माना जा रहा है कि जयशंकर और गरगश ने खाड़ी क्षेत्र की समग्र स्थिति के अलावा अफगानिस्तान संकट पर भी विचार-विमर्श किया।
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