भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने चीनी समकक्ष और स्टेट काउंसलर वांग यी से दुशांबे में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में मुलाकात करने वाले हैं। इस दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा करने और पूर्वी लद्दाख में तेजी से तनाव कम करने को लेकर बातचीत की जाएगी।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज ताजिकिस्तान के दुशांबे के लिए रवाना गुए हैं, वहीं, उज्बेकिस्तान में दक्षिण और मध्य एशिया के बीच संपर्क पर एक अंतरराष्ट्रीय बैठक में भी एस. जयशंकर हिस्सा लेंगे। चीनी विदेश मंत्री से होगी मुलाकात एससीओ दुशांबे बैठक का फोकस अफगानिस्तान में तालिबान की आक्रमक स्थिति पर रहेगा। जिसमें कट्टरपंथी ताकतों द्वारा ताजिकिस्तान को जोड़ने वाली सड़क अमू दरिया और हेरात के माध्यम से ईरान के लिए एक दूसरी जमीन पर कब्जा करना शामिल है।
इसके साथ ही यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि बड़े पैमाने पर सुन्नी पश्तून बल मजार-ए-शरीफ से उज्बेकिस्तान में तरमेज़ तक के भूमि मार्ग पर कब्जा करने की कोशिश करेंगे और इसके बाद तालिबान के आतंकी अफगान सेना को मारने या उनसे सरेंडर करवाने की कोशिश करेंगे, ताकि काबुल पर आसानी से कब्जा किया जा सके। बताया जा रहा है कि तालिबान, धीरे धीरे काबुल को घेर रहा है और एक साथ चारों दिशाओं में तालिबान हमला करेगा। वहीं, एक टीवी चैनल ने दिखाया है कि आत्मसमर्पण करने के बाद भी तालिबान ने कई अफगान सैनिकों की हत्या कर दी है। आपको बता दें कि अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से निकलते ही तालिबान ने फिर से अफगानिस्तान में काफी मजबूती से पैर जमाना शुरू कर दिया है।