x
टकराने पर मंजर होता बेहद भयानक
पृथ्वी (Earth) के पास से हर दिन छोटे-बड़े एस्टेरॉयड (Asteroid) गुजरते रहते हैं. हालांकि, पृथ्वी से इनकी दूरी अधिक होने की वजह से ज्यादा खतरा नहीं रहता है. वहीं, कुछ एस्टेरॉयड पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर जाते हैं, लेकिन उनसे ज्यादा नुकसान नहीं होता है, क्योंकि ये जलकर राख हो जाते हैं. मगर कोई बड़ा एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकरा जाए तो खासा नुकसान हो सकता है. इसके टकराने से पृथ्वी पर 'महाप्रलय' आ सकता है. आज ही के दिन पृथ्वी ऐसे ही एक 'महाप्रलय' से बच गई थी, जब एक एस्टेरॉयड पृथ्वी के बहुत पास से गुजर गया. इस एस्टेरॉयड को लेकर माना गया था कि ये धरती से टकरा सकता है.
वैज्ञानिकों द्वारा इस एस्टेरॉयड को 2002 MN नाम दिया गया था, जो 14 जून 2002 को पृथ्वी से टकराने से बच गया. एस्टेरॉयड और पृथ्वी के बीच सिर्फ 12 हजार किलोमीटर की दूरी थी. ये दूरी पृथ्वी से चांद की दूरी का महज एक-तिहाई है. 2002 MN की लंबाई 73 मीटर थी. यहां गौर करने वाली बात ये है कि इस एस्टेरॉयड की जानकारी वैज्ञानिकों को टक्कर से बचने के तीन दिन बाद यानी कि 17 जून को लगी. इससे पहले, 1994 में XM1 एस्टेरॉयड पृथ्वी के इतने पास से गुजरा था. हालांकि, XM1 महज 10 मीटर लंबा ही था. अगर इसकी टक्कर भी होती तो पृथ्वी को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ होता.
टकराने पर मंजर होता बेहद भयानक
बताया गया कि एस्टेरॉयड 2002 MN का व्यास 73 मीटर था. इसी तरह का एक मिलता-जुलता एस्टेरॉयड 1908 में साइबेरिया के तुंगुसका क्षेत्र में टकराया था. इसकी वजह से बहुत बड़ी तबाही देखने को मिली थी. हार्वर्ड स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिकों ने बताया कि ये दशकों में इतने करीब से गुजरने वाला सबसे बड़ा एस्टेरॉयड था. वैज्ञानिकों ने बताया कि इस एस्टेरॉयड की रफ्तार 10.6 किलोमीटर प्रति सेकेंड थी. ऐसे में ये पृथ्वी से टकराया होता तो मंजर बेहद ही खतरनाक हो सकता था. बताया गया कि ये एस्टेरॉयड वैज्ञानिकों को इसलिए नजर नहीं आया क्योंकि ये सूर्य की तरफ से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा था, जिस वजह से ये छिप गया.
साल 2070 में फिर पृथ्वी के पास पहुंचेगा एस्टेरॉयड
इंग्लैंड में मौजूद NEO (नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स) इंफोर्मेसन सेंटर ने बताया कि अगर ये एस्टेरॉयड पृथ्वी के टकराया होता तो बड़ा नुकसान हुआ होता. NEO ने अपने बयान में कहा, 2002 MN एक हल्का एस्टेरॉयड था, जो वैश्विक पैमाने पर कुछ हद तक तबाही मचा सकता था. इसी तरह की अंतरिक्ष की वस्तु की वजह से डायनासोर पृथ्वी से गायब हो गए थे. वहीं, NASA ने इस एस्टेरॉयड के भविष्य के रास्ते का अध्ययन करते हुए बताया कि ये पृथ्वी के पास से साल 2070 तक फिर गुजर सकता है. ऐसे में पृथ्वी को अभी से ही तैयारी करने की जरूरत है, ताकि विषम हालात से निपटा जा सके.
Next Story