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उस वक्त गोटाबाया रक्षा सचिव थे। ऐसे में उनका वापस लौटना काफी हद तक नामुमकिन है।
श्रीलंका को बदहाली की राह पर छोड़कर देश से भागने वाले पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे क्या स्वदेश वापस लौटेंगे। ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर कोई जानना चाहता है। ये सवाल उठने की बड़ी वजह श्रीलंका के सूचना मंत्री बंदुला गुनावर्धना का वो बयान है जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसी अफवाह है कि गोटाबाया इस सप्ताह स्वदेश वापस आ सकते हैं। उन्होंने यहां तक कहा था कि गोटाबाया खुद को सिंगापुर में अधिक समय तक छिपा कर नहीं रख सकेंगे। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि गोटाबाया कब वापस आ सकते हैं। बंदुला सरकार को प्रवक्ता हैं इसलिए उनकी बात में दम भी हो सकता है। उन्होंने ये बयान उस सवाल के जवाब में दिया था जिसमें श्रीलंका के एटार्नी जनरल को इंटरनेशनल ट्रूथ एंड जस्टिस प्रोजेक्ट क्रिमिनल कंप्लेंट भेजकर उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।
गोटाबाया के वीजा की मियाद को लेकर असमंजस
बता दें कि गोटाबाया को सिंगापुर की सरकार ने निजी दौरे को लेकर वीजा दिया था। सिंगापुर मीडिया के मुताबिक इस वीजा की मियाद को कुछ दिन पहले ही 14 दिनों के लिए सरकार ने बढ़ा दिया है। हालांकि श्रीलंका की मीडिया में कहा गया है कि उनकी वीजा की मियाद बढ़ाने के अनुरोध को सिंगापुर की सरकार ने नहीं माना है। इस वजह से उनके वापस आने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं। गोटाबाया को सिंगापुर आने पर शार्ट टर्म विजिट पास दिया गया था।
गोटाबाया को करना पड़ सकता है कोर्ट का सामना
गौरतलब है कि जनता गोटाबाया और उनके परिवार पर श्रीलंका को 51 अरब डालर के कर्ज में डालकर देश को कंगाल करने का आरोप लगा रही है। आपको बता दें कि गोटाबाया के दो भाई और अन्य परिजन फिलहाल देश में ही हैं। इस बात की पूरी आशंका है कि उन्हें भविष्य में कोर्ट का सामना करना पड़ सकता है। वहीं यदि राजनीतिक जानकार मानते हैं कि वो निकट भविष्य में देश वापस नहीं आने वाले हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें श्रीलंका में अपनी जान का खतरा है। श्रीलंका से मालदीव भागने पर भी यही बात सामने आई थी। हालांकि इसमें कुछ सच्चाई भी दिखाई देती है। वहीं गोटाबाया को दूसरा बड़ा डर अपनी गिरफ्तारी का भी है।
गोटाबाया को जेल के अंदर देखना चाहता है विपक्ष
दरअसल, विपक्ष गोटाबाया के वापस आने पर उनके खिलाफ वार क्राइम समेत घूस लेकर देश को आर्थिक संकट में डालने, देश को बर्बाद करने का मामला चलाने की मांग कर रहा है। समागी जन बालवेग्या, मार्क्सवादी पार्टी ने साफ कर दिया है कि यदि गोटाबाया वापस आए तो वो उनके खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर कोर्ट में मामला दायर करेगी। ऐसा कहने वाली केवल यही पार्टी नहीं हैं, बल्कि तमिल नेशनल एलाइंस जो कि श्रीलंका में तमिल अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी पार्टी है, उसने भी राजपक्षे के खिलाफ वार क्राइम, 2009 में तमिलों के खिलाफ चलाए गए मिलिट्री आपरेशन को लेकर मामला चलाने की बात कही है। उस वक्त गोटाबाया रक्षा सचिव थे। ऐसे में उनका वापस लौटना काफी हद तक नामुमकिन है।
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