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यूक्रेन की फासीवादी सेना को पूरी तरह से खदेड़ कर ही लेंगे दम: लियोनिद पासेचनिक
Renuka Sahu
14 April 2022 4:35 AM GMT
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फाइल फोटो
रूस और यूक्रेन के बीच 50वें दिन भी जंग जारी है. इस बीच डोनेत्सक की तरह लुहांस्क ने भी यूक्रेन से अलग देश की घोषणा कर दी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच 50वें दिन भी जंग जारी है. इस बीच डोनेत्सक की तरह लुहांस्क ने भी यूक्रेन से अलग देश की घोषणा कर दी है. खास बातचीत में लुहांस्क के नए राष्ट्रपति लियोनिद पोसेचनिक ने कहा है कि यूक्रेन की फासीवादी सेना को पूरी तरह से खदेड़ कर ही रूस समर्थित लुहांस्क की मिलेशिया दम लेगी.
लुहांस्क के राष्ट्रपति पासेचनिक के मुताबिक सामान्य तौर पर लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक (एलपीआर) में स्थिति स्थिर है. इस गणतंत्र देश को हर जरुरी चीज प्रदान की जा रही है. गणतंत्र की लगभग सभी रिहायशी इलाकों में बिजली की आपूर्ति की जा रही है, लोग भोजन खरीद सकते हैं, ईंधन स्थानीय आबादी के लिए उपलब्ध है. यहां लोगों के लिए दवा, अस्पतालों और पोली-क्लिनिक भी उपलब्ध हैं. पासचेनिक ने भरोसा दिलाया कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि सभी मुक्त क्षेत्रों में स्थिति को पूरी तरह सुधारा जाए.
यूक्रेन की सेना को पूरी तरह खदेड़ कर ही लेंगे दम- पोसेचनिक
लुहांस्क शहर के नाम पर ही रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के डॉनबास प्रांत के एक बड़े इलाकों को आजाद घोषित कर, लुहांस्क देश की स्थापना का ऐलान किया था. रुस के अलावा बेलारुस और वेनेजुएला जैसे देशों ने भी लुहांस्क को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता दे दी है. आजाद होने के बाद लियोनिद पासेचनिक को पहला राष्ट्रपति चुना गया है. उन्होनें ही रुस-यूक्रेन जंग शुरु होने से पहले पुतिन के साथ नए देश की स्थापना के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे. पासेचनिक ने एबीपी न्यूज को बताया कि लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक का 80-90% इलाके पर अधिकार है और यूक्रेनी राष्ट्रवादियों की बटालियनों से मुक्त करा लिया गया है. आपको बताते चलें कि इनदिनों एबीपी न्यूज की टीम डॉनबास के डोनेत्सक, मारियुपोल और लुहांस्क (या लुगांस्क) में वॉर-जोन से ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रही है. इसी दौरान पासेचनिक ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की.
कई देशों ने लुहांस्क को मान्यता दी है- पोसेचनिक
पासेचनिक ने बताया कि न केवल रूस ने उनके देश को मान्यता दी है, बल्कि कई अन्य देशों ने भी ऐसा किया है. इसलिए हम भविष्य में व्यापक मान्यता की आशा करते हैं. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम आतंकवादी नहीं हैं. हम अपनी धरती पर रहने वाले स्वतंत्र लोग हैं, जो रोटी कमाना और बच्चों की परवरिश करना चाहते हैं. एबीपी न्यूज के इस सवाल पर कि उन्हें यूएन यानि संयुक्त राष्ट्र से मान्यता मिलने की कितनी उम्मीद है, पासेचनिक ने कहा कि हमारा पहला काम फासीवादियों (यूक्रेन सरकार और सेना) कब्जे वाले क्षेत्र को मुक्त कराना है. उन्होनें आरोप लगाया कि यूक्रेनी फासीवाद जो हमारे 'घर' आया और हमें नष्ट करने और हमें हमारी धरती से बाहर निकालने की कोशिश की, उसे हम अपनी धरती से खदेड़ कर रहेंगे.
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