क्या अनालेना बेयरबॉक बन पाएंगी जर्मनी की अगली अंगेला मैर्केल
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कहा जाता है अनालेना बेयरबॉक सख्त, प्रतिभाशाली और महत्वाकांक्षी हैं. लेकिन जब से उन्हें ग्रीन पार्टी ने चांसलर पद का उम्मीदवार बनाया है, उन्हें खुद पर उठ रहे सवालों के जवाब देने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.ग्रीन पार्टी ने अप्रैल में अनालेना बेयरबॉक को अपना सबसे पहला चांसलर पद का उम्मीदवार बनाया. जिस सहमति के साथ उन्होंने अपने सहयोगी नेता रॉबर्ट हाबेक के साथ मिलकर यह फैसला किया, उसका एक ही साझा उद्देश्य था, ग्रीन पार्टी को जर्मनी की अगली सबको स्वीकार होने लायक पार्टी बनाना. उन्होंने अप्रैल में कहा था, "बेशक तब हम नहीं जानते थे कि कभी हम यहां खड़े होंगे. लेकिन हम जानते थे कि हम अपनी पार्टी को लोगों के लिए खुला रखना चाहते हैं. और हम उन्हें शामिल करके स्पष्ट उद्देश्यों के साथ व्यापक समाज के लिए नीतियां बनाना चाहते हैं. और इसलिए आज हमारी पार्टी का एक नया अध्याय शुरू होता है" उन्होंने गर्मजोशी से अपना विचार सबके सामने रखा था, "आज मैं पूरे समाज के सामने हमारे विविधतापूर्ण, मजबूत और समृद्ध देश को एक अच्छे भविष्य की ओर ले जाने का नेतृत्व करने का निमंत्रण देती हूं" अनुभव की कमी हालांकि बेयरबॉक ने कभी कोई सरकारी पद नहीं संभाला है फिर भी शुरुआत में उन्हें पार्टी की उल्लेखनीय कामयाबी का श्रेय दिया जाने लगा, खासकर अप्रैल, 2021 के ओपिनियन पोल्स के नतीजे देखकर. लेकिन अब वे कई व्यक्तिगत हमलों से घिरी हुई हैं और खुद का बचाव करती नजर आ रही हैं. हालिया आलोचनाओं में उनकी व्यक्तिगत साख को निशाना बनाया गया है. उनके आधिकारिक रेज्यूमे में छोटी-छोटी गलतियों का होना, उनका पार्टी से मिले एक बड़े क्रिसमस बोनस पर टैक्स चुकाने में देरी करना, उनकी किताब के कुछ हिस्से पर चोरी का आरोप, और एक इंटरव्यू के दौरान नस्लभेदी शब्द का इस्तेमाल करने जैसे मुद्दे आलोचना का विषय बने हैं. ऐसी हर आलोचना के समय बेयरबॉक ने जल्द से जल्द माफी मांगी है, फिर भी उनका अप्रूवल रेट गिर रहा है.