विश्व
जिफ तस्वीरों के जनक विल्हाइट ने छोड़ी दुनिया, ये फॉर्मेट 1987 में बनाया था ये ताकि...
Renuka Sahu
25 March 2022 1:57 AM GMT
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फाइल फोटो
जिफ तस्वीरें जो आज सोशल मीडिया पर अपनी बात या विचार रखने का अनूठा साधन बन चुकी हैं, इनका 1987 में आविष्कार करने वाले स्टीव विल्हाइट अब दुनिया में नहीं रहे।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जिफ तस्वीरें जो आज सोशल मीडिया पर अपनी बात या विचार रखने का अनूठा साधन बन चुकी हैं, इनका 1987 में आविष्कार करने वाले स्टीव विल्हाइट अब दुनिया में नहीं रहे। अमेरिका में 14 मार्च को कोविड-19 की वजह से उनका निधन हो गया। उनकी पत्नी ने बुधवार को यह सूचना सार्वजनिक की। 74 साल के स्टीव 1 मार्च को कोविड की चपेट में आए थे।
आज ग्राफिक्स इंटरचेंज फॉर्मेट यानी जिफ के रूप में करोड़ों तस्वीरें यूजर्स द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संवाद के दौरान पोस्ट की जा रही हैं। कंप्यूटर साइंटिस्ट रहे स्टीव ने अपनी कंपनी कंप्यूसर्व में इनकी खोज की थी। इसका उद्देश्य तस्वीर को कंप्रेस करके मॉडम के जरिए जल्द भेजना था। बाद में इसे अपडेट करके तस्वीरों को एनिमेट किया जाने लगा। जिफ तस्वीरों को मजाक, कटाक्ष या तंज के रूप में भी आज खूब पोस्ट किया जाता है।
कोमा में जा चुके थे
कोविड संक्रमित होने पर ओहायो प्रांत के मिलफोर्ड में स्टीव का इलाज चल रहा था। लेकिन वे कोमा में चले गए और बचाए नहीं जा सके। उनके करीबी संबंधियों में पत्नी कैथलीन के साथ 1 बेटा, चार सौतेले बेटे, 11 पोते-पोतियां और 3 पड़पोते-पोतियां हैं।
ऑक्सफोर्ड शब्दकोश को गलत बताया
2013 में वेबी लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड लेते समय स्टीव ने साफ किया कि जिफ भले ही 'जी' अक्षर से शुरू हो, इसे 'जे' अक्षर से शुरू होने वाले शब्द की तरह उच्चारित किया जाना चाहिए। उन्होंने ऑक्सफोर्ड शब्दकोश को गलत करार दिया।
जिफ या गिफ, हमेशा रहा विवाद
जिफ तस्वीरों को गिफ क्यों न कहा जाए क्योंकि यह अंग्रेजी के अक्षर 'जी' से शुरू होता है, यह विवाद 1987 से ही बना रहा। जिफ की लोकप्रियता को देखते हुए 2012 में अमेरिकी ऑक्सफोर्ड शब्दकोश ने इसे एक शब्द के रूप में जगह दी। हालांकि उसने जिफ और गिफ दोनों शब्दों को सही माना।
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