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सार्वजनिक मंच पर नजर आए उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की पत्‍नी और चाची, सरकारी मीडिया के सामने आया यह दुर्लभ वाकया

Khushboo Dhruw
2 Feb 2022 3:44 PM GMT
सार्वजनिक मंच पर नजर आए उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की पत्‍नी और चाची, सरकारी मीडिया के सामने आया यह दुर्लभ वाकया
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उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की पत्‍नी और उनकी चाची बुधवार को मीडिया के सामने आईं। इसे बेहद दुर्लभ वाकया माना जा रहा है

सियोल। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की पत्‍नी और उनकी चाची बुधवार को मीडिया के सामने आईं। इसे बेहद दुर्लभ वाकया माना जा रहा है क्योंकि सत्तारूढ़ परिवार ने कोरोना महामारी के दौरान बाहर आवाजाही से परहेज रखा है। किम की पत्‍नी री सोल जू (Ri Sol Ju) और उनकी चाची किम क्योंग हुई (Kim Kyong Hui) ने राजधानी प्योंगयांग के मंसुडे आर्ट थिएटर (Mansudae Art Theatre) में नव वर्ष के अवकाश के मौके पर एक कला प्रदर्शनी में भाग लिया। इसे राज्य टेलीविजन ने दिखाया।

री सोल जू (Ri Sol Ju) को आखिरी बार पिछले साल नौ सितंबर को सार्वजनिक रूप से देखा गया था जब वह देश की स्थापना की सालगिरह पर उत्‍तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के दिवंगत दादा और पिता के शवों वाले कुमसुसन पैलेस (Kumsusan Palace) में अपने पति के साथ गई थीं। आधिकारिक केसीएनए समाचार एजेंसी के मुताबिक जब (किम) अपनी पत्नी री सोल जू के साथ थिएटर के सभागार में स्वागत संगीत के बीच दिखाई दिए तो दर्शकों ने 'हुर्रे' की जोरदार आवास से अपने नेता का वेलकम किया।
उल्‍लेखनीय है कि किम जोंग उन और उत्तर कोरिया की सरकार हाल के दिनों में सुर्खियों में बनी हुई है। प्योंगयांग ने 2022 शुरू होने के साथ ही मिसाइल परीक्षण कार्यक्रम तेज कर दिया है। इसी के तहत उत्‍तर कोरिया ने हाल के दिनों में कई मिसाइलों का परीक्षण किया है। अभी हाल ही में उसने मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने की पुष्टि की थी। यह मिसाइल अमेरिका के गुआम क्षेत्र तक मार करने में सक्षम है। उत्तर कोरिया ने जनवरी में सात मिसाइलों का परीक्षण किया है।
इसे अमेरिका के बाइडन प्रशासन पर दबाव बढ़ाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया ने रविवार को यह नया परीक्षण किया। इसे लेकर अगर उस पर नए प्रतिबंध लगाए जाते हैं तो वह और बड़े परीक्षण कर सकता है। इधर, उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए ने बताया कि परीक्षण का उद्देश्य ह्वासोंग-12 मिसाइल की मारक क्षमता की पुष्टि करना था। यह मिसाइल उत्तर कोरिया की सेना में तैनात की जा रही है।
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